निकोलाय रेरिख: भारत-रूस मैत्री के प्रतीक
रेरिख ने भारत में जो समय बिताया वो एक रचनात्मक दृष्टि से उनके लिए सबसे ज़्यादा फलदायक साबित हुआ। भारत में लगभग 20 वर्षों तक रहने के दौरान उन्होंने एक हजार से भी ज़्यादा चित्र बनाए। इस दौरान उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हुईं, जिनमें हज़ारों साहित्यिक निबंध लिखे गए थे। भारत में, उन्होंने शम्भाला, चंगेज खान, पवित्र पर्वत, तिब्बत, आश्रम, और साथ ही प्रसिद्ध हिमालय श्रृंखला जैसे चित्रों की एक अद्भुत श्रृंखला भी बनाई। रेरिख की 150वीं वर्षगांठ को समर्पित -मीता नारायण साल 2024 महान रूसी कलाकार, विचारक, वैज्ञानिक, लेखक, कवि और दार्शनिक, निकोलाय कोन्स्तांतीनोविच रेरिख (1874-1947) की 150वीं...