Nimila sitaraman
क्या भारत में ‘एक देश, एक कर’ की व्यवस्था फेल हो गई है? क्या अप्रत्यक्ष कर के सबसे बड़े सुधार यानी जीएसटी को देश ने खारिज कर दिया है? ऐसा कहना जल्दबाजी है, लेकिन कई राज्यों ने यह कहना शुरू कर दिया है।
वस्तु व सेवा कर, जीएसटी के मुआवजे को लेकर राज्यों के साथ चल रहा विवाद तात्कालिक तौर पर सुलझने वाला है। केंद्र सरकार को बाध्य होकर विपक्षी शासन वाले राज्यों की बात माननी पड़ी है। केंद्र सरकार एक लाख 11 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए तैयार हो गई है।
सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करने वाले कई अन्य मसलों की तरह जीएसटी का विवाद भी अदालत में जाता दिख रहा है। जीएसटी कौंसिल की लगातार तीसरी बैठक में मुआवजे के भुगतान पर सहमति नहीं बन पाई है।
वस्तु व सेवा कर, जीएसटी कौंसिल की एक अहम बैठक सोमवार को होगी। इसमें राज्यों को दिए जाने वाले मुआवजे के भुगतान को लेकर एक बार फिर चर्चा होगी। एक हफ्ते पहले हुई बैठक में विपक्षी पार्टियों के शासन वाले राज्यों ने मुआवजे की राशि की भरपाई के लिए कर्ज लेने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
वस्तु व सेवा कर, जीएसटी कौंसिल की एक अहम बैठक सोमवार को होगी। एक हफ्ते पहले हुई बैठक में विपक्षी पार्टियों के शासन वाले राज्यों के वित्त मंत्री इस बात पर अड़ गए थे कि वे जीएसटी मुआवजे की भरपाई के लिए कर्ज लेने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को नहीं मानेंगे।
वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के मुआवजे की भरपाई को लेकर केंद्र सरकार जैसे तेवर दिखा रही थी वह तेवर कौंसिल की पिछली बैठक में नहीं दिखी। सोमवार को हुई कौंसिल की बैठक में सरकार का रुख नरम रहा