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अजमेर | सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में नजराना (चढ़ावा) को लेकर फिर विवाद सामने आया है. बता दें कि दरगाह में नजराने को लेकर दरगाह कमेटी, अंजुमन सैयद जादगान एवं अंजुमन शेख जादगान के बीच शीत युद्ध चल रहा है. इसे लेकर अब दरगाह कमेटी द्वारा पुलिस का दरवाजा भी खटखटाया गया है. जानकारी के अनुसार दरगाह परिसर में खादिम फैजल चिश्ती के कोरोना लॉकडाउन के बावजूद नजराना मांगने की बात सामने आई है. इस पर दरगाह कमेटी ने कड़ा एतराज जताते हुए दोनों अंजुमनों को लिखित नोटिस भेज जवाब तलब किया है. फिलहाल दोनों अंजुमनों से वापसी में कोई जवाब नहीं दिया गया है लेकिन नाजिम अशफाक हुसैन ने नजराना प्राप्त करने का अधिकार दरगाह कमेटी का बताते हुए दरगाह पुलिस को पत्र की प्रति के साथ सूचना भेजी है साथ ही पूछा गया है कि दरगाह की सुरक्षा और पुलिस पहरे में चल रहे लॉकडाउन के बावजूद दरगाह में प्रवेश कैसे हो गया. दरगाह का वीडियों सामने आने के बाद कमेटी ने जताया एतराज बीते एक सप्ताह से दरगाह से लाइव जियारत एवं वीडियो अपलोड की बात सामने आने के बाद दरगाह कमेटी ने कड़ा एतराज दर्ज कराया था. दोनों अंजुमन के पदाधिकारी भी… Continue reading Rajasthan: अजमेर दरगाह में चढ़ावा को लेकर फिर विवाद उभरा, पुलिस तक पहुंचा मामला
गोरखपुर | शादियों के बारात निकालना एक आम बात है. लेकिन आपने कभी ऐसा तो नहीं सुना होगा कि दुल्हन बरात लेकर दूल्हे के द्वार तक पहुंच गई हो. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर से सामने आया है. जानकारी के अनुसार एक प्रेमिका अपने प्रेमी से शादी करने के लिए बैंड बाजा बारात लेकर अपने प्रेमी के घर पहुंच गई. यहां यह स्पष्ट कर देंगे यह कोई सामान्य शादी नहीं थी बल्कि एक प्रेमिका की भड़ास थी और वह उसे लोगों के सामने ऐसे जाहिर करना चाहती थी जिससे लोगों को सारी बात समझ में आ जाए. क्या था मामला प्रेमिका का कहना है कि करीब 2 साल पहले संदीप मौर्य नाम के युवक से उसकी जान पहचान हुई थी. उसके बाद से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. प्रेमिका ने बताया कि सब कुछ सामान्य था और प्रेमी ने कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाए थे. लेकिन तभी उसकी नौकरी सेना में हो गई. प्रेमिका का कहना है कि सेना में नौकरी होने के बाद भी वह जब गांव आया तब उसने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए. लेकिन अब वह शादी से इंकार कर… Continue reading लो चली मैं अपनी बारात लेकर… प्रेमी ने किया शादी से इनकार, तो बैंड बाजा बारात लेकर पहुंच गई दुल्हन
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन पर अमल को लेकर राज्यों के रवैए से नाराजगी जताई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केरल के शहरों में रेस्तरां खोलने, बस यात्रा की अनुमति देने और निगम के इलाकों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों को खोलने के वहां की सरकार के
सर्वोच्च न्यायालय के एक अत्यंत महत्वपूर्ण फैसले पर देश के अखबारों और चैनलों का बहुत कम ध्यान गया है। फैसले का मैं इसलिए स्वागत करता हूं कि यह देश से जातिवाद को खत्म करने में बहुत मदद करेगा। फैसला यह है कि आप किसी भी सरकार को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। हमारे देश में अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों को आरक्षण देने की प्रथा चली आ रही है। सरकारी नौकरियों में इनकी संख्या इनके अनुपात में काफी कम है। उनके साथ सदियों से अन्याय होता रहा है। ये सब लोग मेहनतकश होते हैं। हाड़तोड़ काम करते हैं। हमारे राजनीतिक दलों ने इस अन्याय को ठीक करने के लिए एक बहुत ही सस्ता-सा रास्ता निकाल लिया है। वह है, सरकारी नौकरियों में उनके आरक्षण दे दिया जाए। कोई आदमी किसी पद के योग्य है या नहीं है, यदि वह अनुसूचित है या पिछड़ा है तो उसे उस पद पर प्रतिष्ठित किया जा सकता है। इन जातियों के लोगों ने इसे अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझ लिया था। लेकिन कुछ वर्ष पहले सर्वोच्च न्यायालय ने पिछड़ों में जो क्रीमी लेयर याने मलाईदार परत याने संपन्न लोग हैं, उनके आरक्षण को अनुचित बताया और… Continue reading जातीय आरक्षण के विरुद्ध फैसला
कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक एवं संवैधानिक अधिकार नहीं मानने एवं इसे सरकार का विवेकाधिकार बताये जाने पर आज कड़ी आपत्ति व्यक्त की और इसके लिए केन्द्र एवं उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार बताया।