यही तो समस्या है
पिछले वित्त वर्ष में टेलीकॉम, एयरलाइन्स, सीमेंट, स्टील, टायर आदि जैसे उद्योगों में केंद्रीकरण तेजी बढ़ा। कोरोबार जगत के अधिकांश क्षेत्रों में गुजरे दस साल में सामान्यतः दो ऐसी कंपनियां उभरी हैं, जिनके राजस्व में तेजी से इजाफा हुआ है। भारत में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान विभिन्न कारोबारों में बाजार केंद्रीकरण और बढ़ा। यह तथ्य खुद बाजार की एक एजेंसी के पैमाने से सामने आया है। बाजार केंद्रीकरण का मतलब है कि उद्योग के किसी विशेष क्षेत्र में एक या कुछ गिनी-चुनी कंपनियों का पूरा नियंत्रण होना। सामान्य भाषा में इसे मोनोपॉली या ओलिगोपोली कायम होना कहते हैँ। हरफाइनडहल...