Parliament session

  • मोदी ने वरिष्ठ नेताओं के साथ बनाई रणनीति

    नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ संसद की रणनीति बना रहे हैं। सोमवार को उन्होंने अपनी पार्टी के सबसे बड़े नेताओं के साथ बैठक की और संसद की कार्यवाही को लेकर रणनीति बनाई। बताया जा रहा है कि उन्होंने संसद में चल रहे गतिरोध पर भी चर्चा की। मोदी की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित अन्य नेता शामिल हुए। दूसरी ओर भाजपा के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने राहुल गांधी पर...

  • सत्र के बाद भी बना रहेगा मुद्दा

    सवाल है कि संसद का बजट सत्र समय से पहले समाप्त हो जाने के बाद क्या भाजपा और कांग्रेस के उठाए मुद्दे समाप्त हो जाएंगे? इसकी संभावना कम है। सत्तापक्ष और विपक्ष ने जो मुद्दा उठाया है वह सिर्फ संसद सत्र को ध्यान में रख कर नहीं उठाया गया है। इसे आगे की राजनीति को ध्यान में रख कर उठाया गया है। भारतीय जनता पार्टी लंदन में दिए भाषण के बहाने राहुल गांधी को देश विरोधी साबित करने में लगी है। देश के अपमान का मुद्दा बना कर उनसे माफी मांगने को कहा जा रहा है, जबकि अगर उन्होंने संसद...

  • एक अकेला अदानी सब पर भारी!

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गलत कहा। गुरूवार को राज्यसभा में विपक्ष की ‘मोदी-अदानी भाई-भाई’ की नारेबाजी पर उनका स्टैंड सही नहीं था। ‘देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है’ की बजाय उन्हें कहना था दुनिया देख रही है कि दो भाई उनके लिए कितने भारी हैं। एक विश्व नेता और दूसरा विश्व सेठ! पर खेद की बात जो लोकसभा और राज्यसभा दोनों में किसी भी भाजपा नेता ने ‘न्यू इंडिया’ के वैश्विक गौरव का बखान करना तो दूर मोदी-अदानी में भाईचारे की पुष्टि भी नहीं की। क्यों नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने डंके की चोट...

  • प्रत्यारोप जवाब नहीं होते

    राहुल गांधी और महुआ मोइत्रा ने कुछ ठोस सवाल पूछे हैं। बेहतर नजरिया यह होता कि इन प्रश्नों के ठोस जवाब देश के सामने प्रस्तुत किए जाते। लेकिन- जैसाकि सत्ताधारी दल और उसके समर्थक इकॉ-सिस्टम का तरीका रहा है- उन्होंने जवाबी आरोपों की झड़ी लगा दी है। देश-दुनिया में बहुत सी बातें अनुभवजन्य होती हैं। उनके कोई लिखित सबूत नहीं होते, लेकिन इनसान उसमें इसलिए भरोसा करता है, क्योंकि उसके पास ऐसा करने के कारण होते हैँ। इसी तरह कई मामलों में साक्ष्य ठोस नहीं, बल्कि परिस्थितिजन्य होते हैँ। ऐसे सबूतों को तो न्यायिक निर्णयों में भी अहमियत दी जाती...

  • बिना अदानी पर बोले मोदी विपक्ष पर बरसे

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री करीब 85 मिनट बोले और इस दौरान राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और समूचे विपक्ष पर जम कर बरसे। हालांकि उन्होंने एक दिन पहले लोकसभा में राहुल गांधी के उठाए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपने भाषण में अदानी समूह का जिक्र तक नहीं किया। वे हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बारे में भी कुछ नहीं बोले और न एलआईसी, एसबीआई आदि के निवेश की चिंता पर कुछ बोले। उन्होंने यूपीए के दस साल के शासन को घोटालों का...

  • सवाल संसद की गरिमा का

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री करीब 85 मिनट बोले और इस दौरान राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और समूचे विपक्ष पर जम कर बरसे। हालांकि उन्होंने एक दिन पहले लोकसभा में राहुल गांधी के उठाए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपने भाषण में अदानी समूह का जिक्र तक नहीं किया। वे हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बारे में भी कुछ नहीं बोले और न एलआईसी, एसबीआई आदि के निवेश की चिंता पर कुछ बोले। उन्होंने यूपीए के दस साल के शासन को घोटालों का...

  • मोदी ने विपक्ष से सार्थक चर्चा की अपील की

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री करीब 85 मिनट बोले और इस दौरान राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और समूचे विपक्ष पर जम कर बरसे। हालांकि उन्होंने एक दिन पहले लोकसभा में राहुल गांधी के उठाए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपने भाषण में अदानी समूह का जिक्र तक नहीं किया। वे हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बारे में भी कुछ नहीं बोले और न एलआईसी, एसबीआई आदि के निवेश की चिंता पर कुछ बोले। उन्होंने यूपीए के दस साल के शासन को घोटालों का...

  • फिर सत्र से पहले चीन का मसला

    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री करीब 85 मिनट बोले और इस दौरान राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और समूचे विपक्ष पर जम कर बरसे। हालांकि उन्होंने एक दिन पहले लोकसभा में राहुल गांधी के उठाए किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपने भाषण में अदानी समूह का जिक्र तक नहीं किया। वे हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बारे में भी कुछ नहीं बोले और न एलआईसी, एसबीआई आदि के निवेश की चिंता पर कुछ बोले। उन्होंने यूपीए के दस साल के शासन को घोटालों का...

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