Pasmanda Muslim

  • आप तो नौ साल से सत्ता में हैं… पसमांदा की याद अब क्यों आई…?

    भोपाल। हमारे प्रजातंत्री भारत में देश के कर्णधारों की चुनावों के समय स्मरणशक्ती काफी तीव्र हो जाती है, चुनाव के समय उन्हें वे सब हथकंडे याद आ जाते हैं, जिन से सीधा संबंध वोट से होता है, इसका सबसे ताजा उदाहरण हाल ही में प्रधानमंत्री जी द्वारा पसमांदा मुसलमानों की दुर्दशा के प्रति चिंता व्यक्त करना है, किंतु चिंता व्यक्त करते समय वे यह भूल गए कि पिछले 9 साल से वह स्वयं प्रधानमंत्री है और इस अवधि में यदि वे चाहते तो मुसलमानों के इस वर्ग की सभी तरह की मुश्किलें व दुर्दशा को ठीक कर सकते थे, लेकिन...