पिंडदानियों के स्वागत के लिए ‘मोक्षस्थली’ गया जी तैयार
Gaya :- हिंदू धर्म में पितरों (पूर्वजों) की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए गया में पिंडदान को एक अहम कर्मकांड माना जाता है। बिहार का गया इसके लिए सर्वोत्तम स्थान माना गया है। भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष के 15 दिन को 'पितृपक्ष' कहा जाता है। इस पखवारे में लोग अपने पूर्वजों की मृतात्माओं की मुक्ति के लिए यहां आकर पिंडदान करते हैं, यही कारण है कि गया को 'मोक्ष की भूमि' भी कहा जाता है। जिला प्रशासन ने इस साल पितृपक्ष के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए समुचित व्यवस्था का दावा...