प्रजा जब आज्ञाकारी तो चुनावी चंदे का हिसाब क्यों?
केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि जनता को यह जानने का हक नहीं है कि राजनीतिक दलों मतलब भाजपा को मिलने वाला चंदा कहां से आ रहा है, कौन दे रहा है! इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी चेतावनी दी है कि वह नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे। अर्थात इलेक्टोरल बांड के नियम आदि बनाने या समझने की कोशिश नहीं करे।... अब प्रगति का अर्थ भी बदल दिया गया है। बताया जाता है कि मोदी जी आप पर जो शासन कर रहे हैं वह आपका सौभाग्य है। हर हर मोदी का...