radioactive water

  • पर्यावरण की फिक्र नहीं

    खुद जापान में नागरिकों का एक बड़ा हिस्सा टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के इस निर्णय का विरोध कर रहा है। 2011 में फुकुशिमा के दाइची न्यूक्लियर प्लांट में हादसे की वजह से दूषित हुए पानी को निकालने की यह प्रक्रिया दशकों तक चलेगी। कहा जा सकता है कि अगर जापान पश्चिमी खेमे के साथ नहीं होता, तो समुद्र में परमाणु संयंत्र के दूषित जल को बहाने के अपने फैसले को लेकर वह बुरी तरह घिर चुका होता। लेकिन उसके इस कदम पर सवाल सिर्फ आसपास के देशों और कुछ पर्यावरणवादी संगठनों भर ने उठाया है, तो इसीलिए कि पश्चिमी देशों...