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  • दलित राजनीति मोदी के दरवाजे

    उत्तर और पश्चिम भारत की दलित राजनीति आमतौर पर हिंदुत्ववादी ताकतों के साथ जुड़ी रही है। जहां कुछ नेताओं ने स्वतंत्र राजनीति की उनमें से भी ज्यादातर का अंत मुकाम हिंदुवादी पार्टियां ही रहीं। चाहे वह भाजपा हो या महाराष्ट्र में शिव सेना हो। इस लिहाज से देखें तो इस बार का लोकसभा चुनाव स्वतंत्र दलित राजनीति के पूरी तरह से समाप्त हो जाने या भाजपा के साथ मिल जाने का है। कह सकते हैं पूरी दलित राजनीति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नरेंद्र मोदी के दरवाजे पहुंच गई है। सारे दलित नेता या तो भाजपा के तालमेल किए हुए...