Rangmanch

  • यायावरी रंगमंच का सितारा

    भोपाल। स्कूल के दालान में चारों तरफ सैकड़ों स्कूली बच्चे बैठे हैं और बीचों बीच एक साधारण कुर्सी रखी हुई है। दैनंदिन पहनने वाली साधारण वेशभूषा में एक नौजवान रंगकर्मी बीचों बीच वाले स्थान में प्रवेश लेता है और विद्यार्थियों से अपना संवाद शुरू करता है, कहानी सुनाने के अंदाज में। यह कहानी हाशिये पर पड़े परिवार के एक बच्चे की है जो स्कूल में पढ़ता भी है और मजदूरी करने को भी विवश है। अभाव ग्रस्त जीवन जी रहे स्कूली बच्चे की कहानी में उसके माँ-बाप भी हैं, शिक्षक हैं, सहपाठी हैं और पूरा समाज है लेकिन मंच पर...