अफवाहों पर टिकी सियासत
अब प्रश्न है कि मीडिया के जिस हिस्से की इसमें भूमिका रही और जिन राजनेताओं ने एक अफवाह को साख प्रदान की, क्या कभी कानून के हाथ उन तक पहुंच सकेंगे? यह प्रश्न इसलिए ज्यादा महत्त्वपूर्ण है क्योंकि ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। तमिलनाडु में बिहारियों पर हमले की अफवाह को लेकर जैसी सियासत गरमाई, वह आज के भारत का आईना है। इस मामले में तो फिर भी सच सामने आ गया, लेकिन देश में गुजरे वर्षों में जो माहौल रहा है, उसमें अनगिनत अफवाहें बहुत से लोगों के मन में स्थायी सच के रूप में बैठ चुकी हैं।...