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पवन कल्याण, जिन्होंने जीएल बत्रा – विक्रम बत्रा के पिता की भूमिका निभाई, ने लगभग 50 लाख रुपये घर ले लिए।
दिल्ली | कोरोना काल में ऐसे बहुत से मामले सुनने को मिले है जहां यह कहा जा रहा है कि मार्च 2020 में जब से लॉकडाउन लगा है तभी से प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों (taekwondo coach suicide ) को वेतन नहीं दिया गया है। लॉकडाउन के कारण कोई और काम भी नहीं हैं। इस कारण दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है। इसी से परेशान एक ताइक्वांडो कोच ने आत्महत्या कर जान दे दी। मामला दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके से जुड़ा है। कहा जा रहा है कि वेतन ना दिए जाने के कारण 46 वर्षीय ताइक्वांडो कोच ने अपनी जान दे दी। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मृतक की पहचान तनूप जोहर के रूप में की गयी है और वह रोहिणी के एक स्कूल में काम करता था, लेकिन पिछले करीब एक वर्ष से भी अधिक समय से वह बेरोजगार था। पुलिस के मुताबिक तनूप ने मंगलवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। also read: Vaccination Drive : इस शहर ने टीकाकरण में महानगरों को भी छोड़ा पीछे, सफाई के लिए भी प्रसिद्ध हैं यहां के लोग सुसाइड लोट में स्कूल प्रबंधन का नाम ( taekwondo coach suicide ) पुलिस को घटनास्थल से… Continue reading कोरोना काल में स्कूल से वेतन ना मिलने के कारण ताइक्वांडो कोच ने की आत्महत्या
दिल्ली | पिछले लॉकडाउन से अब तक सबसे अधिक पीड़ित मजदूर ही हुए है। लॉकडाउन लगने के कारण इनका काम बंद हो गया। जिस वजह से मजदूरों को दो वक्त का खान भी नसीब नहीं हुआ। इन सभी परेशानियों के देखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिहाड़ी कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन में वृद्धि की है। पिछले लॉकडाउन में मजदूरों की अपने घर पलायन करने की तस्वीर देखकर आज भी रूह कांप जाती है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि सभी अधिसूचित रोजगारों में अकुशल, अर्धकुशल और कुशल श्रेणियों के संबंध में न्यूनतम मजदूरी की संशोधित दरें गत एक अप्रैल से लागू होंगी। दिल्ली सरकार ने अब दिहाड़ी मजदूरों का वेतन बढ़ा दिया गया है। इस फैसले के बाद मजदूर वर्ग को राहत मिली है। महामारी में पीड़ित होने के कारण लिया फैसला दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को एक बयान ज़ारी किया था। जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक आदेश ज़ारी किया है जिसमें सभी अनुसूचित रोजगारों में अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अन्य श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ता एक अप्रैल-2021 से बढ़ा दिया गया है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा है कि यह कदम गरीब और जरूरतमंद मजदूर वर्ग के हितों के लिए उठाए गए हैं। इस महामारी में सबसे… Continue reading मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बड़ा फैसला, दिहाड़ी मजदूरों के वेतन में की वृद्धि..यह संशोधित दरें गत एक अप्रैल से लागू होंगी
कर्मचारियों को वेतन और पेंशन का भुगतान न करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने आज नगर निगमों की जमकर खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि धन की कमी एक बहाना नहीं हो सकता और वेतन पाने का अधिकार भारत के संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है।
इस साल की दूसरी और तीसरी तिमाही में कड़े फैसले लेने के बाद, भारतीय कंपनियां फिर से टैलेंट में निवेश करने के लिए तैयार दिख रही हैं। एक नए सर्वेक्षण में पता चला है कि 87 प्रतिशत कंपनियों
अगर स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन के लिए हड़ताल पर जाना पड़े, तो फिर उस देश में ये सोचना भी बेमतलब है कि हेल्थ केयर की एक उचित व्यवस्था वहां होगी। दुर्भाग्य से भारत ऐसा ही देश बन गया है।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के डॉक्टरों को कई महीने से तनख्वाह नहीं मिलने और एमसीडी के यह कहने पर कि उसका दिल्ली सरकार पर पैसा बकाया है
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नगर निगम शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन मामले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शपथ पत्र पर असंतुष्ट जाहिर करते हुए कहा है कि यह
उच्चतम न्यायालय ने कोरोना महामारी से लड़ाई लड़ रहे चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को बगैर किसी कटौती के कल तक वेतन मुहैया कराने का आज राज्य सरकारों को निर्देश दिया।
कोरोनो वायरस महामारी के दौरान कथित रूप से डॉक्टरों को वेतन का भुगतान न किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट
कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे चिकित्सकों को वेतन का भुगतान नहीं करने और उनके रहने की समुचित व्यवस्था नही होने पर कड़ा रूख अपनाते हुये उच्चतम न्यायालय
उत्तर प्रदेश मे गोण्डा के नगर कोतवाली क्षेत्र मे रोडवेज में संविदा बस चालक एवं परिचालकों नें आज मई माह का वेतन अप्रैल माह की भांति नियमित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर नारेबाजी की
मुझे यह जानकर बड़ी खुशी हुई कि भारत सरकार अपने सर्वोच्च न्यायालय से कह रही है कि देश के गैर-सरकारी कल-कारखानों, दुकानों और घरों में काम करनेवाले लोगों को वह उनकी पूरी तनखा दिलवाए।
चाइनीज फुटबाल संघ (सीएफए) ने आज घोषणा की कि वेतन बकाया होने के कारण 11 क्लबों को पेशेवर लीग से अयोग्य घोषित कर दिया गया है, जबकि पिछले सीजन की चाइनीज
लॉकडाउन के कारण प्रवासी श्रमिकों के संकट पर संविधान विशेषज्ञ और हैदराबाद के नलसार विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर फैजान मुस्तफा का कहना है