समलैंगिक शादी का मामला संसद पर छोड़ें
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि समलैंगिक शादियों का मामला सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर याचिकाकर्ताओं की दलीलें पूरी होने के बाद बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि यह एक जटिल और व्यापक असर वाला मुद्दा है, जिसके बारे में कानून बनाने की जिम्मदारी संसद पर छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि देश के डेढ़ सौ से ज्यादा कानून हैं, जिन पर इसका असर होगा। इससे पहले इस...