शाक्तमत की शुरूआत और विकास
शाक्त मत में शक्ति को ही विश्व का प्रधान ईश्वर माना जाता है। शाक्तों की ईश्वर संबंधी धारणा स्त्रैण है। विश्व के किसी भी अन्य धर्म में ईश्वर को स्त्री रूप में नहीं पूजित किया गया है। उसे ईश्वर की सहायक शक्ति अवश्य कहा गया है, किन्तु एकमात्र शाक्त मत में ही संसार की सर्वोपरि सत्ता एक नारी है। इस अवधारणा ने शैव, वैष्णव, जैन और बौद्ध धर्म सभी मतों को प्रभावित किया। वैदिक मतानुसार जगत के निर्माणकर्त्ता, पृथ्वी आदि जड़ और जीव से अतिरिक्त सब सृष्टिगत पदार्थों में पूर्ण पुरुष ईश्वर है। आरंभ में उस एकमात्र निराकार ईश्वर के...