रोगों को दूर करने वाली देवी शीतला माता
लोक मान्यतानुसार शीतला माता की पूजा के दिन घर में चूल्हा नहीं जलता है, और परिवार के सभी लोग एक दिन पूर्व बनी हुई बासी भोजन ग्रहण करते हैं। आज भी लाखों लोग इस नियम का बड़ी आस्था के साथ पालन करते हैं। शीतला माता की उपासना अधिकांशत: वसंत एवं ग्रीष्म ऋतु में होती है। शीतला (चेचक रोग) के संक्रमण का यही मुख्य समय होता है। इसलिए इनकी पूजा का विधान पूर्णत: सामयिक है। चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ के कृष्ण पक्ष की अष्टमी शीतला देवी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होती है। इसलिए यह दिन शीतलाष्टमी के नाम से...