शिवराज का हिम्मती दांव
भाजपा ने मध्य प्रदेश में उत्तराखंड मॉडल लागू करने की कोशिश की थी। आलाकमान और संघ ने समझाया था कि वे स्वंय घोषणा कर दें कि वे अब परिवर्तन चाहते है। इसलिए विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगे। मतलब उनकी जगह नया चेहरा लाकर चुनाव लड़ने की रणनीति बनी थी। लेकिन शिवराजसिंह अपनी पोजिशन छोड़ने को राजी नहीं हुए। उनको यह भी अंदाजा है कि पार्टी उनका चेहरा पेश करके चुनाव नहीं लड़ रही है तो जीतने के बाद उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। इसलिए उन्होंने होशियारी से अपनी पोजिशनिंग बदली। वे खुद दावेदार बन गए हैं। वे अपनी सभाओं में...