चन्द्रमा के स्वामी सोमनाथ
ऐतिहासिक विवरणियों के अनुसार ईसा पूर्व में यहाँ एक भव्य मन्दिर में अस्तित्व में था, जिसे सातवीं शताब्दी के आरम्भिक वर्षों में ही इस्लामी आक्रमण के समय विधर्मियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया, तो उसी स्थान पर दूसरी बार मन्दिर का पुनर्निर्माण सातवीं शताब्दी में वल्लभी के मैत्रक राजाओं ने किया।सौराष्ट्र के मुख्यमन्त्री उच्छंगराय नवलशंकर ढेबर ने 19 अप्रैल 1940 को यहाँ उत्खनन कराया था। इसके बाद भारत सरकार के पुरातत्व विभाग ने उत्खनन द्वारा प्राप्त ब्रह्मशिला पर शिव का ज्योतिर्लिग स्थापित किया है। सौराष्ट्र के पूर्व राजा दिग्विजय सिंह ने 8 मई 1950 को मन्दिर की आधारशिला रखी। इन सबके...