पाकिस्तान में संभव ही नहीं ‘सिख-मुस्लिम भाईचारा’
पाकिस्तान में 345 स्थायी सिख तीर्थस्थल हैं, जिनमें से 135 सीधे पहले छह गुरुओं से संबंधित हैं। परंतु इनमें केवल 22 ही सक्रिय हैं, जिनमें से दो के बड़े हिस्से तो मजहब उपेक्षा के कारण इसी वर्ष वर्षा में ढह गए। इसी में एक— भारत-पाक सीमा से 2-3 किलोमीटर दूर लाहौर स्थित जाहमन गांव का ऐतिहासिक गुरुद्वारा रोरी साहिब है, जो 1947 से पहले सिखों और हिंदुओं के लिए आस्था का एक केंद्र बना हुआ था। यह गुरुद्वारा महाराजा रंजीत सिंह (1780-1839) के शासन काल में बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक देवजी ने झामन के...