ठहरो, आज दिन अच्छा बनाओं!
क्या आपके दिन अच्छे गुज़र रहे हैं? क्या आपकी ज़िन्दगी अच्छी कट रही है? जवाब देने से पहले आपको यह तय करना पड़ेगा कि आखिर जो दिन अच्छे गुज़रते हैं, वो दिन कैसे होते हैं? जो ज़िन्दगी अच्छी कटती है, वो ज़िंदगी कैसी होती है? और यकीन मानिए, इन्हें परिभाषित करना आसान काम नहीं है। बल्कि यह काफी मुश्किल काम है। आपके लिए आपके पूरे दिन का खाका खींचना भी बेहद कठिन काम है। और यदि आपने यह कर भी लिया तो उस पर 'अच्छे' का लेबल चस्पा करना तो और भी कठिन है। आखिरकार कोई दिन अच्छा कैसे हो...