दक्षिण एशिया का पिछड़ापन
दक्षिण एशिया में 29 करोड़ बाल दुल्हनें हैं। यह संख्या वैश्विक संख्या के 45 प्रतिशत के बराबर है। यह उचित ही है कि यूनिसेफ ने बाल विवाह का अंत करने के उपाय करने का आह्वान किया है। यह आज की दुनिया की हकीकत है कि आर्थिक या सामाजिक पिछड़ेपन की जो भी रिपोर्ट आती हो, उसमें दक्षिण एशिया की सूरत सबसे खराब उभरती है। दक्षिण एशिया में तीन देश तो वो हैं, जो 1947 तक एक ही देश का हिस्सा होते थे। धार्मिक आधार पर तब देश के बंटवारे के बावजूद अगर सामाजिक और सांस्कृतिक कसौटियों पर देखें, तो इस...