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  • सनातन धर्म का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

    नई दिल्ली। तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को बीमारी बताने और इसे खत्म करने का बयान दिए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। देश की सैकड़ों जानी मानी हस्तियों ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिख कर इस पर स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है। इसे हेट स्पीच बताते हुए लोगों ने चिट्ठी है और कार्रवाई की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखने वाले 262 हस्तियों में 14 पूर्व जज, 130 पूर्व अधिकारी और सेना के 118 रिटायर अधिकारी शामिल हैं। इन हस्तियों ने तमिलनाडु सरकार पर कार्रवाई की मांग की है...

  • सुप्रीम कोर्ट में नहीं हुई मणिपुर पर सुनवाई

    नई दिल्ली। मणिपुर में तीन महीने से चल रही हिंसा पर संसद में बने गतिरोध के बीच मणिपुर के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच को करनी थी, लेकिन तबियत खराब होने के चलते वे कोर्ट नहीं आए। इस वजह से जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के सामने लंबित मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी। गौरतलब है कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का एक वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था, जिसके सुप्रीम कोर्ट ने चिंता...

  • न्यायिक सक्रियता का नया दौर!

    आमतौर पर माना जाता है कि कार्यपालिका के कमजोर होने से सरकार और विधायिका दोनों के कामकाज में न्यायपालिका का दखल बढ़ता है। यह धारणा इसलिए बनी क्योंकि न्यायिक सक्रियता के बारे में पहली बार भारत में जब सुनने को मिला तो वह कमजोर और गठबंधन की सरकारों का दौर था। उसी दौर में जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम भी बना था और सरकार के कामकाज में न्यायिक हस्तक्षेप भी बढ़ा था। यह दौर लंबा चला था। नब्बे के दशक से शुरू करके नई सदी के दूसरे दशक के लगभग मध्य था। उस समय तक जब सर्वोच्च अदालत की...

  • परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

    नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों में परिसीमन को चुनौती देने वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओका की बेंच ने किया। बेंच ने कहा परिसीमन और अनुच्छेद 370 का मामला अलग अलग हैं। अदालत ने कहा- परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने का ये मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि हमने अनुच्छेद 370 से जुड़ी याचिकाओं पर भी फैसला दिया है। वो मुद्दा संविधान पीठ में चल रहा है। याचिका दायर करने वाले श्रीनगर के हाजी...

  • संविधान के मूल ढाँचे की व्यर्थ बहस

    डॉ. अंबेदकर ने कहा था: ‘‘राज्य के विभिन्न निकायों के काम सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान एक औजार मात्र है। यह औजार इस काम के लिए नहीं कि कुछ खास सदस्य या खास दल ही सत्ता में बिठाए जाएं। राज्य की क्या नीति हो, समाज की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था कैसे संगठित हो – यह सब समय और परिस्थिति अनुसार लोगों को स्वयं तय करना है।..यह पंक्तियाँ साफ दर्शाती हैं कि हमारे संविधान निर्माताओं के अनुसार न तो संविधान ‘धर्म-ग्रंथ’ है, न उस का कोई ‘मूल ढाँचा’ है, न उस में कुछ भी अपरिवर्तनीय है। किसी भवन के...

  • न्यायपालिका की साख बिगाड़ कर क्या मिलेगा?

    डॉ. अंबेदकर ने कहा था: ‘‘राज्य के विभिन्न निकायों के काम सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान एक औजार मात्र है। यह औजार इस काम के लिए नहीं कि कुछ खास सदस्य या खास दल ही सत्ता में बिठाए जाएं। राज्य की क्या नीति हो, समाज की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था कैसे संगठित हो – यह सब समय और परिस्थिति अनुसार लोगों को स्वयं तय करना है।..यह पंक्तियाँ साफ दर्शाती हैं कि हमारे संविधान निर्माताओं के अनुसार न तो संविधान ‘धर्म-ग्रंथ’ है, न उस का कोई ‘मूल ढाँचा’ है, न उस में कुछ भी अपरिवर्तनीय है। किसी भवन के...

  • जज नियुक्ति में सरकार व संसद की भूमिका न हो

    डॉ. अंबेदकर ने कहा था: ‘‘राज्य के विभिन्न निकायों के काम सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान एक औजार मात्र है। यह औजार इस काम के लिए नहीं कि कुछ खास सदस्य या खास दल ही सत्ता में बिठाए जाएं। राज्य की क्या नीति हो, समाज की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था कैसे संगठित हो – यह सब समय और परिस्थिति अनुसार लोगों को स्वयं तय करना है।..यह पंक्तियाँ साफ दर्शाती हैं कि हमारे संविधान निर्माताओं के अनुसार न तो संविधान ‘धर्म-ग्रंथ’ है, न उस का कोई ‘मूल ढाँचा’ है, न उस में कुछ भी अपरिवर्तनीय है। किसी भवन के...

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