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  • पूर्व जजों की बातों का सहारा!

    उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति, तबादले और प्रमोशन की व्यवस्था में शामिल होने की केंद्र सरकार की बेचैनी बढ़ती जा रही है। पहले तो सरकार की ओर से खूब प्रयास हुआ कि कॉलेजियम सिस्टम को बदल दिया जाए। कानून भी लाया गया लेकिन कामयाबी नहीं मिली। फिर न्यायपालिका की साख बिगाड़ने का काम शुरू हुआ। सरकार के मंत्री इस काम में लगे। फिर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से भी बयान दिलवाए गए। इसके बाद चिट्ठी लिखी गई कि किसी तरह से कॉलेजियम में जगह मिले। अब पूर्व जजों की इधर उधर कही गई बातों का सहारा लेकर सरकार...