Swami Vivekananda Jayanti

  • पहले दुःखी इंसान की मदद हो: स्वामी विवेकानंद

    देखो, कैसे अचम्भे की बात उन्होंने बतलायी! कहा कि मनुष्य अपने कर्मफल से मरता है, उस पर दया करने से क्या होगा? हमारे देश के पतन का अनुमान इसी बात से किया जा सकता है। तुम्हारे हिन्दू धर्म का कर्मवाद कहां जाकर पहुंचा? जिस मनुष्य का मनुष्य के लिए जी नहीं दुखता वह अपने को मनुष्य कैसे कहता है?” स्वामी विवेकानंद जयंती (12 जनवरी) यहां हम गौरक्षा एवं इंसान की रक्षा के बारे में स्वामी विवेकानंद के विचार प्रकाशित कर रहे हैं। उनके विचारों को हमने रामकृष्ण मठ, नागपुर द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘विवेकानंदजी के संग में’’ से लिया है। इस...