The Freelancer review

  • आतंकियों से लड़ता ‘द फ्रीलांसर’

    हमारे बहुत से फिल्मकार अब यह कहने से बचते हैं कि बाबरी मसजिद को गिराया गया था। हंसल मेहता की ‘स्कैम 2003’ में भी उसे ‘हादसा’ कहा गया है। बेहतर होता कि इसकी जगह ‘ध्वंस’ अथवा ‘कांड’ का प्रयोग किया जाता। इन दोनों शब्दों से भी यह जाहिर नहीं होता कि ऐसा किसने किया, मगर लेखन के स्तर पर ‘हादसा’ के मुकाबले ये कम निरपेक्ष हैं। इसी तरह डिज़्नी हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई नीरज पांडे की वेब सीरीज़ ‘द फ्रीलांसर’ बताती है कि अफ़गानिस्तान को तालिबान के हवाले कर जब अमेरिका वहां से लौट रहा है, तमाम विदेशी और हजारों...