Tulsidas Jayanti 2023

  • श्रीराम भक्त गोस्वामी तुलसीदास

    उन्होंने भगवान विश्वनाथ और माता अन्नपूर्णा को श्रीरामचरितमानस सुनाया। रात को पुस्तक विश्वनाथ-मन्दिर में रख दी गई। प्रात:काल जब मन्दिर के पट खोले गये तो पुस्तक पर सत्यं शिवं सुन्दरम्‌ लिखा हुआ पाया गया, जिसके नीचे भगवान शंकर की सही (पुष्टि) थी। उस समय वहाँ उपस्थित लोगों ने सत्यं शिवं सुन्दरम्‌ की आवाज भी कानों से सुनी। तुलसीदास रचित राम चरितमानस का वेद विरूद्ध कई बात उसमे समाहित होने के कारण काशी के पंडितों के साथ ही अन्य कई वर्गों ने भारी विरोध किया। 23 अगस्त -गोस्वामी तुलसीदास जयंती हिन्दी साहित्याकाश के परम नक्षत्र, भक्तिकाल की सगुण धारा की रामभक्ति...