vaccine target supreme court
तब इस महामारी से आहत आम लोग और उनके विरोधी वर्तमान मनोदशा के बीच भूल-चूक लेनी-देनी की सोच से आगे बढ़ने और मिल-जुल कर उस मुसीबत का सामना करने के लिए तत्पर होते, जो देश पर आई हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री अपनी भूल को अपनी उपलब्धि बताने की सोच के साथ आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर कोरोना महामारी के आकलन, प्रबंधन और वैक्सीन नीति के बारे में अपनी सरकार की गलतियों को स्वीकार करते, तो वे पूरे देश के नेता के रूप में बोलते नजर आते। इस महामारी से आहत आम लोग और उनके विरोधी वर्तमान मनोदशा के बीच भूल-चूक लेनी-देनी की सोच से आगे बढ़ने और मिल-जुल कर उस मुसीबत का सामना करने के लिए तत्पर होते, जो देश पर आई हुई है। लेकिन प्रधानमंत्री अपनी भूल को अपनी उपलब्धि बताने की सोच के साथ आए। वैक्सीन नीति में बदलाव किया, लेकिन पहले हुई गड़बड़ी के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहरा दिया। प्रबंधन में हुई घोर गड़बड़ी का दोष अपने पहले की सरकारों पर डाल दिया। झूठ नैरेटिव सेट करने की सोच से वे नहीं उबरे। तो जाहिर है, जो लोग उनके अंध समर्थक नहीं हैं, उनमें वैसी ही तीखी प्रतिक्रिया हुई। नतीजा है कि नरेंद्र मोदी और… Continue reading नजरिया तो वही है
नई दिल्ली। देश के सभी नागरिकों के लिए वैक्सीन खरीदने और राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के एक दिन बाद ही केंद्र सरकार ने 44 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने बायोलॉजिकल-ई कंपनी को 30 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया था। इस तरह केंद्र ने एक हफ्ते के भीतर 74 करोड़ डोज का ऑर्डर कर दिया है। इसके लिए केंद्र ने 30 फीसदी रकम एडवांस भी जारी कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि उसने 44 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर जारी किया है। इसमें 25 करोड़ कोवीशील्ड और 19 करोड़ कोवैक्सिन शामिल हैं। सरकार ने कंपनियों को ऑर्डर की 30 फीसदी रकम एडवांस में जारी कर दी है। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार राष्ट्र के नाम संदेश में ऐलान किया था कि 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को भी मुफ्त में वैक्सीन लगेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को वैक्सीनेशन अभियान की नई गाइडलाइंस जारी की। इसके मुताबिक केंद्र सरकार वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से 75 फीसदी डोज खरीद कर राज्यों को मुफ्त में देगी, लेकिन राज्यों को वैक्सीन के डोज बरबाद होने से बचना होगा,… Continue reading Corona Vaccine Update: 44 करोड़ और डोज का ऑर्डर, केंद्र ने जारी की 30 फीसदी एडवांस रकम
ऐसा नहीं है कि भारत ने सिर्फ डिजिटल लेन-देन और कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने में अमेरिका को पीछे छोड़ा है, वैक्सीन लगवाने में भी भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है और यह बात किसी पूर्व अधिकारी ने नहीं, बल्कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव और नीति आयोग के सदस्य ने साझा तौर पर कही है। प्रेस कांफ्रेंस में लव अग्रवाल और डॉक्टर वीके पॉल ने कही। दोनों ने शुक्रवार को बताया कि भारत में 17.2 करोड़ लोगों को पहली डोज लग चुकी है और इसके साथ ही भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। सोचें, आंकड़ों को इस तरह से पेश करने का क्या मतलब है? एक तरफ तो भारत हाथ फैलाए हुए है कि अमेरिका अपने स्टॉक वाली वैक्सीन भारत को दे दे और साथ ही अमेरिकी कंपनियों की सारी शर्तें मानने को तैयार है ताकि वे अपनी वैक्सीन भारत को दें और दूसरी ओर यह दावा है कि अमेरिका को पीछे छोड़ दिया! भारतीय जनता पार्टी इस तरह से आंकड़ों को पेश करे तो बात समझ में आती है लेकिन सरकारी अधिकारियों को क्यों इस तरह से आंकड़ों को पेश करना चाहिए? अगर 140 करोड़ की आबादी में 17 करोड़ लोगों को पहली… Continue reading वैक्सीन में भी अमेरिका को पीछे छोड़ा!
क्या केंद्र सरकार एक बार फिर वैक्सीनेशन की अपनी नीति बदलेगी? यह लाख टके का सवाल है, जिस पर सरकार के जानकार सूत्रों का कहना है कि गंभीरता से विचार किया जा रहा है। ध्यान रहे पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। सर्वोच्च अदालत ने कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से लेकर वैक्सीन के दाम और राज्यों की खरीद के मसले पर केंद्र से सवाल पूछा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में वैक्सीन के दाम एक क्यों नहीं होने चाहिए। इस बीच दूसरा संकट यह हुआ है कि राज्यों के ग्लोबल टेंडर पर कहीं से जवाब नहीं मिल रहा है। कंपनियां राज्यों को वैक्सीन नहीं बेचना चाहती हैं या वैक्सीन के बहुत दाम बता रही हैं। पिछले दिनों दिल्ली और पंजाब ने बताया कि फाइजर और मॉडर्ना ने राज्यों के साथ वैक्सीन का सौदा करने से मना कर दिया है। इस बीच बृहन्नमुंबई महानगरपालिका, बीएमसी ने वैक्सीन का अपना अलग टेंडर निकाला था, जिसमें वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की बजाय ज्यादातर आपूर्तिकर्ताओं यानी सप्लायर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स ने टेंडर डाले और एक डोज के लिए सात से सौ 27 सौ रुपए तक की कीमत बताई। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले महीने टेंडर… Continue reading केंद्र की वैक्सीनेशन नीति बदलेगी!
वैक्सीन लगने के बावजूद लोगों को संक्रमण हो रहा है। इसका मतलब है कि अब तक वैज्ञानिक समुदाय भी अंधेरे में है और इसलिए वायरस का खतरा पूरी भयावहता के साथ मानवता के सामने मौजूद है। सो, आंकड़े कम होने के मुगालते में तो कतई नहीं रहना चाहिए। ऊपर से भारत में तो इतने लोगों को वैक्सीन भी नहीं लगी है कि हर्ड इम्यूनिटी विकसित होने का भ्रम पाला जाए। यह भी पढ़ें: संघीय ढांचे के लिए चुनौती यह नया इंडिया की अपील है। पर सिर्फ अपील नहीं बल्कि भारत में वायरस की हकीकत का बयान है। लोगों को राज्य सरकारों की ओर से दिए जा रहे आंकड़ों या अखबारों में छप रही सकारात्मक खबरों या आंकड़े कम होने के टेलीविजन पर दिखाए जा रहे ग्राफिक्स के झांसे में नहीं आना चाहिए। ये आंकड़े अधूरी तस्वीर दिखाते हैं। वैसे भी झूठ और सफेद झूठ से आगे झूठ का तीसरा प्रकार आंकड़ों को ही बताया गया है। इसलिए आंकड़ों में उलझने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह बाजीगरी है। पहले भी इस बाजीगरी के झांसे में आकर देश के लोगों ने अपना बड़ा नुकसान किया है। अगर पहली लहर के बाद लोग झांसे में नहीं आए होते दूसरी लहर शायद इतनी… Continue reading वैक्सीन लगवाएं, घर में रहें!