जीवनदात्री प्रकृति का संरक्षण आवश्यक
वैदिक ग्रन्थों में कुछ प्राकृतिक घटकों का नाम यथा, अग्नि, वायु व वरूण इत्यादि के नाम पर रखे गये हैं। इसका उद्देश्य अग्नि, वायु व वरुण आदि के महत्व को रेखांकित करते हुए घटक की पवित्रता स्थापित करना है। ताकि मानव समाज प्रकृति संरक्षण को धर्म की आज्ञा मानकर इसमें अपना योगदान ईश्वरीय सेवा समझकर दे। यह भाव ही प्रकृति के घटकों अर्थात पर्यावरण संरक्षण का बुनियादी आधार बनता है।…एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और स्वस्थ मानव समाज की नींव है। इसलिए प्रकृति को संरक्षित करने की जिम्मेवारी संसार के प्रत्येक व्यक्ति की है। 28 जुलाई- विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस...