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मांडू में पर्यटकों को लुभाएंगी तितलियां

ByNI Desk,
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मांडू में पर्यटकों को लुभाएंगी तितलियां
धार। मध्यप्रदेश के धार जिले के पर्यटन स्थल मांडू (मांडवगढ़) को बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी के लिए जाना जाता है और इसी के चलते पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं, मगर आने वाले दिनों में यहां का तितली पार्क भी पर्यटकों के आकर्षण का नया केंद्र बन जाएगा। राज्य का वन विभाग सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडवगढ़ में एक करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से जमुनादेवी तितली पार्क का निर्माण करा रहा है। यह पार्क रानी रूपमती मार्ग पर सागर तालाब के सामने चार हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। प्रस्तावित तितली पार्क में तरह-तरह के फूलों वाले पौधे तो नजर आएंगे ही साथ में रंग बिरंगी 100 से ज्यादा तरह की तितलियां भी इन पौधों पर मंडराती दिखेंगी और पर्यटकों के प्राकृतिक आनंद को कई गुना बढ़ा देंगी। राज्य के वनमंत्री उमंग सिंघार का कहना है कि इस पार्क में प्रदेश में पाई जाने वाली सभी और देश की विभिन्न प्रजातियों की तितलियां रहें, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। उनके आवास के अनुकूल सभी प्रबंध और सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। आखिर मांडू में तितलियों का पार्क क्यों बनाया जा रहा है, इस सवाल पर मंत्री सिंघार का कहना है कि मांडू में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और उनके लिए एक और नया, वह भी प्रकृति से संवाद कराने वाला स्थल विकसित किया जाए, इसी बात को ध्यान में रखकर यह तितली पार्क बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तरह-तरह के पौधों पर खिले फूल और उन पर मंडराती रंग-बिरंगी तितलियां हर किसी को रोमांचित कर देती हैं। यह नजारा पर्यटकों के लिए तो कहीं ज्यादा ही सुखद होगा। वे यहां आकर रानी रूपमती के किले को तो देखेंगे ही, साथ में यह पार्क उनके पर्यटन को और सुखद बना देगा। इस पार्क में तितलियों को अपनी जरूरत के मुताबिक फूल मिलें, इसके लिहाज से बड़ी संख्या में अलग-अलग प्रजातियों वाले फूलों के पौधे लगाए गए हैं, जो तेजी से बढ़ रहे हैं। कई पौधों में तो फूल खिलने भी लगे हैं और उन पर तितलियां मंडराती नजर आने लगी हैं। इंदौर से लगभग 100 किलोमीटर और धार से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मांडू वह स्थान है, जो बाज बहादुर और रानी रूपमति की प्रेम कहानी की गवाही देता है। यहां हर साल हजारों पर्यटक आते हैं और यहां के किले को देखकर वे प्रेम कहानी की यादों में खो जाते हैं। इस प्रेम कहानी पर सन् 60 के दशक में बनी फिल्म 'रानी रूपमती' ने इस स्थल को नई पहचान दिलाई। इस फिल्म में अभिनेत्री निरूपा राय और अभिनेता भारत भूषण ने अहम भूमिका निभाई थी। इतना ही नहीं, यहां आने वालों को इस फिल्म केगीत 'आ लौट के आ जा मेरे मीत, तुझे मेरे गीत बुलाते हैं' की याद ताजा हो जाती है।
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