नई दिल्ली। भारत की स्वदेशी कंपनी भारत बायोटेक की लैब में बनी कोवैक्सीन कोरोना वायरस के खतरे से 12 महीने तक सुरक्षित रखेगी। इस वैक्सीन के दूसरे चरण के परीक्षण के नतीजों से यह पता चला है। कंपनी की ओर से दूसरे चरण के परीक्षण का नतीजा घोषित कर दिया गया है। इसका तीसरा चरण चल रहा है लेकिन कंपनी ने उससे पहले ही वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया है।
इस वैक्सीन की सबसे खास बात यह है कि ये सभी उम्र के लोगों और महिला-पुरुषों पर बराबरी से कारगर साबित हुई है। बताया जा रहा है कि तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजों से पहले इसे मंजूरी नहीं मिलेगी। भारत में सबसे पहले ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड को मंजूरी मिलेगी। खबरों के मुताबिक दिसंबर के अंत तक इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकता है।
कंपनी की ओर से आवेदन करने के बाद ड्रग रेगुलेटर की की ओर से जो डाटा मांगा गया थ उसे सीरम इंस्टीच्यूट ने जमा करा दिया है। गौरतलब है कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीच्यूट इस वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। ड्रग रेगुलेटर ने भारत बायोटेक से भी उसकी वैक्सीन के लिए देश भर में चल रहे तीसरे चरण के परीक्षण के शुरुआती नतीजों का डाटा मांगा है। इस बीच भारत बायोटेक की ओर से बुधवार को दूसरे चरण के परीक्षण का डाटा जारी किया गया। कंपनी का दावा है कि इस वैक्सीन का दूसरा डोज देने के बाद वायरस से सुरक्षा होगी। गौरतलब है कि यहीं वैक्सीन हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री को दी गई थी। पहला डोज दिए जाने के 14 दिन के बाद वे कोरोना संक्रमित हो गए थे।