ग्वालियर। मध्य प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का ग्वालियर स्थित महल जय विलास सुर्खियों में है। जय विलास महल में चोरों ने सेंधमारी की है। ग्वालियर सीएसपी रत्नेश तोमर के मुताबिक जय विलास महल में ही बने रानी महल के एक कमरे के रोशनदान से अंदर घुसे चोरों ने क्या—क्या चुराया है? इसकी अभी जांच की जा रही है। सिंधिया के पुश्तैनी महल जय विलास की सुरक्षा पर उठ रहे सवालों के बीच आप यह जानकार हैरान रह जाएंगे कि आखिर जय विलास महल की छत पर सात दिन तक दस हाथियों को खड़ा करने के पीछे क्या मक सद था? आइए जानते हैं ग्वालियर में सिंधिया राजघराने की ओर से जय विलास महल का निर्माण करवाए जाने से लेकर इसके वर्तमान स्वरूप से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य।
किसने बनवाया जय निवास महल?
मध्य प्रदेश के बेहद खूबसूरत महलों में से एक जय निवास महल का निर्माण 1874 में मराठा शासक और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्वज तत्कालीन महाराजा जीवाजी राव सिंधिया द्वारा करवाया गया। ब्रिटिश, इतावली और भारतीय निर्माण शैली का प्रयोग करते हुए जय निवास महल का डिजाइन लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फिलोज ने तैयार किया।
जय निवास महल की कीमत?
कहते हैं कि करीब 150 साल पहले ग्वालियर में जय निवास महल को बनवाने में एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया था। इस आलीशान महल में 400 कमरे हैं। महल 12 लाख 40 हजार 771 वर्गफीट में फैला है। इसकी वर्तमान कीमत करीब चार हजार करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
सिंधिया ने क्यों बनवाया जय निवास महल?
जीवाजी राव सिंधिया ने जय निवास महल का निर्माण इंग्लैंड के प्रिंस एडवर्ड VII के स्वागत में करवाया था। महल को फ्रांस के वर्साइल्स पैलेस की तर्ज पर बनाने का प्रयास किया गया था। इसको सजाने के लिए विदेश से कारीगर आए थे। वर्तमान में दुनियाभर के पर्यटक जय निवास महज को निहारने आते हैं। खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर प्रवास के दौरान जय निवास महल में ही ठहरते हैं।
इसे भी पढें- जानें, होली के दिन सफेद कपड़े का ही है क्यों है ट्रेंड
चांदी की ट्रेन है आकर्षण का केंद्र
विशाल जय निवास महल का एक बड़ा हिस्सा डाइनिंग हॉल के रूप में है, जहां एक साथ कई लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं। महल में डाइनिंग हॉल में खाना परोसने के ट्रेन का इस्तेमाल किया जाता है, जो चांदी की बनी हुई है। चांदी की ट्रेन के लिए डाइनिंग टेबल पर खास पटरियां बनाई हुई हैं।
इसलिए छत पर खड़े किए हाथी
बता दें कि जय निवास महल में 35 सौ किलोग्राम का विशाल झूमर लगा हुआ है। इस झूमर से जुड़ा खास तथ्य यह है कि छत पर झूमर टांगने के लिए हाथियों की मदद ली गई थी। छत की मजबूती जांचने के लिए इंजीनियरों ने 10 हाथियों को सात दिन तक महल की छत पर खड़ा रखा था। उसके बाद 3500 किलो का झूमर लगाया गया।
कैसे पहुंचे जय निवास महल?
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 433 किलोमीटर दूर ग्वालियर में जय निवास महल स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए परिवहन के साधन सहज उपलब्ध हैं। महल से 14 किमी की दूरी पर ग्वालियर एयरपोर्ट है। यहां से प्राइवेट टैक्सी या कैब काफी उपलब्ध हैं। ग्वालियर जंक्शन भारत के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा ग्वालियर में सड़क मार्गों की सुविधा भी बेहतर है।
इसे भी पढें- WhatsApp के ये नये फीचर्स अगर नहीं किये यूज तो जल्दी करें….