नई दिल्ली | महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) पर पुलिस अधिकारियों के माध्यम से करोड़ों रुपये वसूली के लगे गंभीर आरोपों के बाद बीजेपी लगातार उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackrey) की गठबंधन सरकार (Mahavikas Aghadi Government) पर हमलावर हो रही है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Law Minister Ravi Shankar Prasad) ने मंगलवार को सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार में जब एक मंत्री का टारगेट सौ करोड़ रुपए है, तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा?
प्रसाद ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर स्तर के अधिकारी ने लिखा है कि राज्य के गृह मंत्री ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। प्रसाद ने आगे कहा कि जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी का कितना होगा? आपको याद दिला दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी। वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े बड़े अखिल भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की भी।
सचिन वाजे को क्यों सेवा में लिया
प्रेस वार्ता में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग में वसूली हो रही है, तो हमें लगा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कार्रवाई करेंगे। लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, एक ईमानदारी महिला अधिकारी को डिमोशन करते हुए सिविल डिफेंस का डीजीपी बना दिया। रविशंकर प्रसाद ने निलंबित चल रहे पुलिसकर्मी सचिन वाजे को फिर से सेवा में लिए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, सचिन वाजे 15 से 16 वर्षों तक निलम्बित था। जब वो शिवसेना का सदस्य बनता है तो कोरोना काल में बहाल कर दिया जाता है। उसके बाद उसे ही 100 करोड़ रुपए वसूली का टार्गेट दिया जाता है। मंत्री ने कहा कि अम्बानी के घर के सामने जो गाड़ी मिली है, उसकी एनआईए जांच कर रही है, उस गाड़ी का तथाकथित मालिक मृत अवस्था पाया जाता है, तो उसकी जांच को क्यों रोका जा रहा है?”
शरद पवार पर भी निशाना
मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एनसीपी मुखिया शरद पवार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा “मैं शरद पवार से कहना चाहूंगा कि आप देश को बताएं कि गलत तथ्यों के आधार पर आपको महाराष्ट्र के गृहमंत्री का बचाव क्यों करना पड़ा?”
एटीएस का प्रमुख सबूत नष्ट होने का दावा
महाराष्ट्र के एंटी टेरेरिस्ट स्कॉड ने मीडिया को कहा है कि व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत के मामले में कुछ प्रमुख सबूत नष्ट कर दिए हैं। एटीएस ने दो दिन पहले इस मामले में अहम खुलासे की घोषणा की थी। स्क्वाड अब दो सप्ताह की लंबी जांच को बंद करने की तैयारी कर रहा है। एटीएस के एडीजीपी जय जीत सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आरोपियों ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड और सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर दिए हैं।