मदुरै। Muharram Tamil Nadu Festival Hindu : भारत की सबसे बड़ी ताकत अनेकता में एकता है. देशभर में राजनीतिक विचारधारा में भले ही परिवर्तन आ गया हो लेकिन आज भी कई ऐसे हिस्से हैं जहां हिंदू मुसलमान आपसी सद्भाव का उदाहरण पेश करते हैं. ऐसे ही एक गांव तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में स्थित है. बताया जाता है कि यह गांव हिंदू मुसलमान की आपसी सद्भाव का सबसे बड़ा उदाहरण है. हिंदू बाहुल्य गांव में हर घर में मोहर्रम के नियमों का पालन किया जाता है और इस दिन पमिथिथल (अंगारों पर चलाना) समेत अन्य कार्यक्रमों में लोग शामिल होते हैं. गांव वालों का कहना है कि 1952 के आसपास इस गांव में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी थी. लेकिन समय के साथ-साथ यहां हिंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती गई. आज गिने-चुने मुसलमान ही इस गांव में रहते हैं. इसके बाद भी हिंदू और मुस्लिम दोनों के त्योहारों में पूरा गांव सम्मिलित होता है.
फातिमा नचियारा को मानते हैं देवदूत
Muharram Tamil Nadu Festival Hindu : इस गांव में अब हिंदू परिवारों की संख्या ज्यादा है. गांव के ज्यादातर परिवार वालों का पालन पोषण खेती से होता है. बताया जाता है कि इस गांव की पहली फसल को भी लोग मस्जिदों की दरवाजे पर रख कर आते हैं. इसके साथ ही फातिमा नचियार रखो यह लोग अपना अभिभावक देवदूत मानते हैं. इस गांव में हिंदुओं ने एक दरगाह भी बनवाया है. गांव के सभी लोग दरगाह में नियमित तौर पर आते हैं और मंदिरों की तरह भोग चढ़ाते हैं. इस बार भी मुहर्रम के मौके पर 20 महिलाएं और 15 पुरुषों ने अंगारों पर चलकर मोहर्रम की प्रथा पूरी की.
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वैचारिक मतभेद को धार्मिक मतभेद से नहीं जोड़ते
Muharram Tamil Nadu Festival Hindu : गांव में रहने वाले रामानुज ने बताया कि यहां भी अब राजनीति पर खुलकर चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि हमारे गांव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हम वैचारिक मतभेद को धार्मिक मतभेद में परिवर्तित होने नहीं देना चाहते. उन्होंने बताया कि यही कारण है कि लोगों की सोच बिल्कुल भी नहीं बदली और आज भी वह मिलजुलकर त्यौहार मनाते हैं. उनका कहना है कि यहां होली और दिवाली मुसलमान ऐसे मनाते हैं जैसे यह उन्हीं का त्यौहार है.
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