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बिहार में लालू प्रसाद का इंतजार

ByNI Political,
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बिहार में लालू प्रसाद का इंतजार
बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार को रांची हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े आखिरी मामले में जमानत दी और उसी दिन शाम को राबड़ी देवी के आवास पर हुए इफ्तार समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल होने पहुंचे। होने को तो उस इफ्तार सम्रारोह में भाजपा के नेता और राज्य सरकार के मंत्री सैयद शाहनवाज भी थे और इस आधार पर राबड़ी के आवास 10, सरकुलर रोड पर हुई इफ्तार दावत को सर्वदलीय माना जा रहा था कि लेकिन यह इतना सरल मामला नहीं है। इस बीच शनिवार को भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार के दौरे पर पहुंचे। अब बिहार में लालू प्रसाद का इंतजार हो रहा है। उनको डोरंडा कोषागार से पैसे निकासी के मामले में हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। इससे जुड़े बाकी चार मामलों में उनको पहले ही जमानत मिल चुकी है। इन सभी मामलों में उनको सजा हो चुकी है और आधी सजा काटने के बाद उनको जमानत मिली है। इसलिए रिहाई के रास्ते में कोई बाधा नहीं है। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को भी इस मामले में शामिल कर दिया गया है। अगर भ्रष्टाचार से आगे धन शोधन का मामला बनता है और ईडी की कार्रवाई होती है तो उनको दिक्कत हो सकती है। बहरहाल, बताया जा रहा है कि जमानत के बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया सोमवार तक पूरी होगी क्योंकि हाई कोर्ट का फैसला पहले रांची के होटवार जेल भेजा जाएगा और उसके बाद दिल्ली एम्स में भर्ती लालू प्रसाद की रिहाई होगी। सप्ताहांत होने की वजह से यह प्रक्रिया सोमवार तक पूरी होने का अंदाजा है। उसके बाद लालू प्रसाद बिहार जाएंगे। लालू के बिहार लौटते ही प्रदेश में नए समीकरण के लिए धमाचौकड़ी शुरू होगी। नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार की दावत में शामिल होकर भाजपा के ऊपर दबाव बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार अपनी सहयोगी भाजपा के ऊपर दबाव बना कर उसके नेताओं की बयानबाजी बंद कराना चाहते हैं और अपने लिए 2025 के अंत तक निष्कंटक राज चाहते हैं या कुछ नया करने की इरादा है। विधान परिषद चुनाव में पिछली बार जीती 10 सीटें हारने के बाद भाजपा और पूरा एनडीए बैकफुट पर है। उसके बाद बोचहां उपचुनाव भी भाजपा हारी है। तभी नीतीश कुमार दबाव बनाने के लिए इसे सही समय मान रहे हैं। उनको यह भी पता है कि भले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि नीतीश पांच साल के लिए मुख्यमंत्री हैं लेकिन भाजपा का मकसद 2024 का लोकसभा चुनाव जीतना है। उस समय तक ही उसे नीतीश कुमार की जरूरत महसूस हो रही है। नीतीश कुमार इस बात को ध्यान में रख कर आगे का कदम उठाएंगे। अगल् दो-तीन महीने में होने वाले राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यसभा चुनाव से तस्वीर साफ होगी। वैसे तेज प्रताप यादव ने कहना शुरू कर दिया है कि जल्दी ही राजद की सत्ता में वापसी हो रही है। राजद की सत्ता में वापसी जदयू के बगैर संभव नहीं है।
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