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कश्मीर में प्रीपेड मोबाइल चालू

ByNI Desk,
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कश्मीर में प्रीपेड मोबाइल चालू
जम्मू। पिछले पांच महीने से पाबंदी झेल रहे जम्मू कश्मीर में पोस्ट पेड मोबाइल सेवा के बाद अब प्रीपेड मोबाइल सेवा भी बहाल हो गई है। इसके साथ ही कश्मीर घाटी के दो जिलों में 2जी इंटरनेट सेवा भी बहाल कर दी गई है। राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में सभी स्थानीय प्रीपेड मोबाइल फोन पर कॉल करने और एसएमएस भेजने की सुविधा बहाल कर दी गई है। जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा कि आदेश तत्काल प्रभाव से शनिवार से लागू होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे सिम कार्ड पर मोबाइल इंटरनेट सुविधा देने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ताओं की जानकारी की पुष्टि करनी होगी। इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से जम्मू क्षेत्र के सभी दस जिलों और उत्तरी कश्मीर के दो जिलों कुपवाड़ा और बांदीपोरा में फिक्स लाइन इंटरनेट संचार सेवा देने करने को कहा गया है। गौरतलब है कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के फैसले के बाद राज्य में संचार सेवाएं बंद कर दी गई थीं। पांच महीने बाद राज्य के लोगों को बड़ी राहत देते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को घाटी में सभी लोकल प्रीपेड मोबाइल सेवाओं पर लगी रोक हटा दी। साथ ही प्रदेश में प्रीपेड कॉल, एसएमएस और 2जी इंटरनेट सेवाएं शुरू कर दीं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के करीब 80 फीसदी सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड सेवाएं पहले ही शुरू की जा चुकी हैं, हालांकि इसका लाभ आम नागरिकों को नहीं मिल रहा है। अस्पतालों में यह सेवा प्रशासनिक कामकाज के लिए शुरू की गई है। असल में इंटरनेट पर पाबंदी की वजह से मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। पांच नेता रिहा किए गए जम्मू कश्मीर में संचार सेवाओं की बहाली के साथ साथ नजरबंदी में रखे गए नेताओं की रिहाई भी सिलसिला भी जारी है। राज्य प्रशासन ने घाटी में नजरबंद रखे गए अलग अलग पार्टियों के पांच नेताओं को शनिवार को रिहा किया। इनमें नेशनल कांफ्रेंस के नेता नाजिर गुरेजी, पीडीपी के अब्दुल हक खान, पीपुल्स कांफ्रेंस के अब्बास वानी और कांग्रेस के अब्दुल राशि शामिल हैं। इससे पहले 26 नवंबर, 30 दिसंबर, 10 जनवरी, 16 जनवरी और 17 जनवरी को भी कुछ नेताओं को रिहा किया गया था। नजरबंद रखे गए नेताओं को श्रीनगर के शेर ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर समेत बारामुला-गुरेज में बनाए गए अस्थायी हिरासत केंद्रों में रखा गया है। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने के बाद अलग अलग पार्टियों के नेताओं को हिरासत में लिया गया था। दो अक्टूबर से इनकी रिहाई का सिलसिला शुरू हुआ। हालांकि, अब भी तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सहित अनेक प्रमुख नेताओं को नजरबंद ही रखा गया है। 10 जनवरी को जम्मू कश्मीर के 26 नेताओं के खिलाफ नागरिक सुरक्षा कानून के तहत दर्ज मामले वापस लिए गए।
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