नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाई कोर्ट के जजों के लिए अशोक होटल में एक सौ कमरों का अस्थायी अस्पताल बनाने की खबर आने के बाद हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और इसे तत्काल रद्द करने को कहा। हाई कोर्ट ने कहा है कि जजों के लिए कभी भी पांच सितारा होटल में एक सौ बिस्तरों की सुविधा नहीं मांगी गई। अदालत ने कहा- हमने प्रेस में खबरों को पढ़ा है। हमने कोई भी आग्रह नहीं किया था।
दिल्ली सरकार से नाराजगी जताते हुए हाई कोर्ट ने कहा- आप कल्पना कीजिए यह हम कैसे कह सकते हैं। लोगों को अस्पताल नहीं मिल रहे और हम आपसे लग्जरी होटल में बेड मांग रहे हैं? मीडिया गलत नहीं है, आपका आर्डर गलत है। आप किसी एक श्रेणी के लिए सुविधा कैसे दे सकते हैं। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। दूसरी ओर सरकार ने कहा है कि इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा- अच्छा होगा कि आप ये आदेश तुरंत वापस लें। इस पर सरकार ने कहा कि वह तुरंत आदेश वापस लेगी। इससे पहले हाई कोर्ट ने कहा- ये बात सोच से बाहर है कि हम एक संस्थान के तौर पर सुविधा मांगेंगे। इस मामले की गुरुवार को फिर सुनवाई होगी।