नई दिल्ली। अगर सब कुछ तय कार्यक्रम के हिसाब से चला तो भारत में पहले चरण में 31 करोड़ भारतीयों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई जाएगी। इसकी शुरुआत अगले साल मार्च से होगी और मार्च से मई के बीच तीन महीने में 31 करोड़ प्राथमिकता वाले लोगों को वैक्सीन की डोज दे दी जाएगी। इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस कर्मचारी, 50 साल से ज्यादा उम्र के प्राथमिकता वाले समूह के लोग और ज्यादा जोखिम वाले समूह के युवा भी शामिल होंगे।
सरकार ने यह भी तय किया है कि ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के दो डोज के परीक्षण से जो शुरुआती नतीजे आए हैं, उन पर ही विचार किया जाएगा। यानी भारत में सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया में बन रहे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगाए जाने की संभावना है। सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन के मुताबिक डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व वाली नेशनल वैक्सीन कमेटी ने ब्लूप्रिंट तैयार किया है कि किसे सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी।
विजयराघवन ने विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय उद्योग परिसंघ, सीआईआई की एक मीटिंग में बताया कि 31 करोड़ लोगों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें मार्च से मई के बीच में वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने कहा- हमारे देश में एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स, राज्यों और केंद्र सरकार की पुलिस, आर्म्ड फोर्सेस, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस के दो करोड़, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्राथमिकता समूह के 26 करोड़ नागरिक और 50 वर्ष से कम उम्र के उच्च जोखिम वाले समूह के एक करोड़ नागरिकों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कह चुके हैं कि 2021 की पहली तिमाही से वैक्सीन लगाना शुरू होगा।