नई दिल्ली। देश के सभी नागरिकों के लिए वैक्सीन खरीदने और राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के एक दिन बाद ही केंद्र सरकार ने 44 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने बायोलॉजिकल-ई कंपनी को 30 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया था। इस तरह केंद्र ने एक हफ्ते के भीतर 74 करोड़ डोज का ऑर्डर कर दिया है। इसके लिए केंद्र ने 30 फीसदी रकम एडवांस भी जारी कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि उसने 44 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर जारी किया है। इसमें 25 करोड़ कोवीशील्ड और 19 करोड़ कोवैक्सिन शामिल हैं। सरकार ने कंपनियों को ऑर्डर की 30 फीसदी रकम एडवांस में जारी कर दी है। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार राष्ट्र के नाम संदेश में ऐलान किया था कि 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को भी मुफ्त में वैक्सीन लगेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को वैक्सीनेशन अभियान की नई गाइडलाइंस जारी की। इसके मुताबिक केंद्र सरकार वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से 75 फीसदी डोज खरीद कर राज्यों को मुफ्त में देगी, लेकिन राज्यों को वैक्सीन के डोज बरबाद होने से बचना होगा, नहीं तो उन्हें मिलने वाली सप्लाई पर असर पड़ेगा। साथ ही कहा गया है कि निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन की कीमत कंपनियां ही घोषित करेंगी।
केंद्र सरकार के नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि केंद्र की तरफ से राज्यों को वैक्सीन के जितने डोज मिलेंगे, उनमें राज्यों को प्राथमिकता तय करनी होगी। इस प्राथमिकता में स्वास्थ्यकर्मियों को सबसे ऊपर रखा जाएगा। इसके बाद 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग और फिर उन लोगों को प्राथमिकता देनी होगी, जिनकी दूसरा डोज बाकी है। इसके बाद 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का नंबर आएगा। इनके वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार अपने हिसाब से प्राथमिकता तय कर सकेगी।
निजी अस्पतालों को महंगी मिलेगी वैक्सीन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीनेशन नीति में बदलाव करते हुए 75 फीसदी वैक्सीन केंद्र के खरीदने की घोषणा की है। लेकिन 25 फीसदी वैक्सीन निजी अस्पताल खुद खरीदेंगे और पैसे लेकर लोगों को लगाएंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि निजी अस्पतालों को दी जाने वाली वैक्सीन की कीमत वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां ही तय करेंगी। यानी पहले की ही तरह उसकी कीमत में केंद्र सरकार दखल नहीं देगी। प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद तीन कंपनियों की वैक्सीन की दर तय कर दी गई है। भारत की स्वदेशी वैक्सीन यानी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन सबसे ऊंची कीमत पर प्रति डोज 1,410 रुपए में मिलेगी। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी की कीमत 1,145 रुपए रखी गई है। सबसे ज्यादा बनने वाली सीरम इंस्टीच्यूट की कोवीशील्ड की कीमत सबसे कम 780 रुपए प्रति डोज होगी। इसके अलावा अस्पताल डेढ़ सौ रुपए सर्विस चार्ज ले सकेंगे। कीमतें तय होने से थोड़ी देर पहले ही डॉ. वीके पॉल ने बताया था कि निजी अस्पतालों के लिए कोरोना वैक्सीन की कीमतें इन्हें बना रहीं कंपनियां ही तय करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा था कि निजी अस्पताल वैक्सीन उत्पादन का 25 फीसदी हिस्सा सीधे खरीद सकेंगे। राज्य सरकारें इसकी निगरानी करेंगी कि निजी अस्पताल टीकों की कीमत के अलावा सिर्फ डेढ़ सौ रुपए सर्विस चार्ज ही लें। डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि राज्य प्राइवेट सेक्टर की डिमांड पता करेंगे। इसका मतलब है कि वे देखेंगे कि अस्पताल के पास कितनी सुविधाएं है और उसे कितने डोज की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के दबाव में वैक्सीनेशन नीति में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर डॉ. वीके पॉल कहा- हम सुप्रीम कोर्ट की चिंता का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार डी-सेंट्रलाइजेशन के मॉडल को लागू करने के बाद एक मई से ही इसकी समीक्षा कर रही थी। इस तरह के फैसले एक अरसे के दौरान समीक्षा और विचार-विमर्श के बाद लिए जाते हैं।
Tags :अमेरिका Central Government Union Health Minister Coronavirus HighCourt Covid-19 Coronavirus News health ministry serum Institute Bharat Biotech corona vaccination vaccination against Coronavirus in India covid-19 vaccination in India Vaccination in India Covid-19 vaccination drive coronavirus updates 2nd wave speed coronavirus corona cases world highest number of corona cases 2nd wave Vaccine Policy new advisory 2nd Covid wave disaster india vaccine target supreme court वैक्सीनेटेड