समाचार मुख्य

किसान क्रांति की अपील

ByNI Desk,
Share
किसान क्रांति की अपील
नई दिल्ली। तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 74 दिन से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने किसान क्रांति की अपील की है। साथ ही किसानों ने आंदोलन की जगह को क्रांति की जगह में तब्दील कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि वे जब आंदोलन में शामिल होने के लिए अपने गांव से दिल्ली की सीमा पर आएं तो गांव की एक मुट्ठी मिट्टी लेते आए हैं और जब लौटें तो आंदोलन की जगह से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर जाएं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि किसान अब 40 लाख ट्रैक्टरों की रैली निकालेंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को तो दिल्ली में 20 हजार ट्रैक्टरों की रैली निकाली थी लेकिन अब 40 लाख ट्रैक्टरों की रैली निकालेंगे। शनिवार को तीन घंटे के लिए हुए चक्का जाम की सफलता के बाद उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने ट्रैक्टरों पर किसान क्रांति 2021 लिखें। इससे किसान जहां भी जाएंगे, उन्हें सम्मान दिया जाएगा। इस बीच टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली और एनसीआर के उन किसानों से भी मिले, जो राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण, एनजीटी के फैसले से नाराज हैं। गौरतलब है कि एनजीटी ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर बैन लगाने को कहा है और इनमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं। इसका विरोध करते हुए टिकैत ने कहा- खेतों में चलने वाले ट्रैक्टर अब दिल्ली में एनजीटी के दफ्तर पर भी दौड़ेंगे। अब तक तो ये लोग नहीं पूछते थे कि कौन सी गाड़ी 10 साल पुरानी है। अब इनका क्या प्लान है? 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों को बाहर करो और कॉरपोरेट की मदद करो? लेकिन 10 साल से पुराने ट्रैक्टर भी दौड़ेंगे और आंदोलन मजबूत होगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वो धरना स्थल पर अपने खेतों से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर आएं और प्रदर्शनवाली जगह से एक मुट्ठी मिट्टी लेकर वापस जाएं। टिकैत ने कहा कि ये मिट्टी लेकर अपने खेतों में डाल दें और व्यापारी कभी आपकी जमीनों की ओर नहीं देख पाएंगे। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वो हर वक्त तैयार रहें। जब भी बुलाया जाए तो किसान धरना स्थलों पर पहुंचें, जैसा 26 जनवरी की परेड के बाद हरियाणा और यूपी के युवाओं ने किया था। एक और किसान ने की खुदकुशी केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 74 दिन से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से जुड़े एक और किसान ने खुदकुशी कर ली है। रविवार को टिकरी बॉर्डर पर एक किसान का शव पेड़ से लटका मिला है। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें खुदकुशी करने वाले किसान ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कृषि कानूनों को काला कानून बताया है। किसान ने अपने सुसाइट नोट में ‘भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद’ भी लिखा है। टिकरी बॉर्डर पर खुदकुशी करने वाले किसान का नाम कर्मवीर सिंह है और वे हरियाणा के जींद के रहने वाले थे। उनकी उम्र 52 साल थी। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है- भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद। मोदी सरकार बस तारीख पर तारीख दे रही है। कोई नहीं कह सकता कि काले कानून कब वापस होंगे। गौरतलब है कि रविवार को चरखी दादरी में किसानों की महापंचायत हुई, उससे ठीक पहले इस घटना का पता चला। गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में कई राज्यों के किसान पिछले 74 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं। पिछले दिनों हरियाणा में जींद के कंडेला में किसानों की महापंचायत हुई थी। बहरहाल, एक दिन पहले ही केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसान यूनियन के लोग उनको समझा नहीं पाए हैं कि इन कानूनों में क्या काला है। उसके एक दिन बाद ही इसे काला कानून बताते हुए किसान कर्मवीर सिंह ने फांसी लगा ली।
Published

और पढ़ें