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प्रधानमंत्री का वार्ता का संकेत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 66 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों से वार्ता की पहल अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प के बाद माना जा रहा था कि वार्ता का रास्ता अब बंद हो गया है। पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार वार्ता के जरिए किसानों के उठाए मुद्दों को सुलझाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से दिया गया प्रस्ताव अब भी बरकरार है और केंद्रीय कृषि मंत्री एक फोन कॉल की दूरी पर हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक बार फिर केंद्र सरकार और किसानों के बीच वार्ता शुरू हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के बजट सत्र में होने वाले विधायी कामकाज को लेकर शनिवार को एक सर्वदलीय बैठक की, जिसमें उन्होंने सभी पार्टियों के नेताओं से कहा कि उनकी सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का लगातार प्रयास कर रही है। सदन में सभी पार्टियों के नेताओं के साथ डिजिटल बैठक में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया था वह आज भी बरकरार है। साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन की घटना की जांच और कार्रवाई अलग मसला है और पुलिस उस पर अपने हिसाब से कार्रवाई करेगी।

बजट सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और विधायी कामकाज पर विचार के लिए सरकार ने यह बैठक बुलाई थी। इसमें पार्टियों के नेताओं ने अलग अलग मुद्दे उठाए।  बताया जा रहा है कि बैठक में प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रदर्शनकारी किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं और तोमर ने इस महीने की शुरुआत में किसान नेताओं को यह बताया भी था।

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से किसानों से कही गई बातों को दोहराना चाहता हूं। उन्होंने कहा था कि हम सहमति तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम आपको प्रस्ताव दे रहे हैं। मैं आपसे सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं। जब भी आप फोन करेंगे, मैं बातचीत के लिए तैयार हूं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के मु़द्दे सुलझाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि 19 जनवरी को हुई आखिरी बैठक में तोमर ने किसानों से कहा था कि सरकार डेढ़ साल तक कानूनों पर रोक लगाने को तैयार है और इस बीच कमेटी बना कर विवाद के सभी मुद्दों पर विचार किया जाए। किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

बहरहाल, शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय सहित लगभग सभी पार्टियों के नेता मौजूद थे। गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र की शुरुआत टकराव से हुई है और पहले दिन विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया।

कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग

संसदीय कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और विधायी कामकाज पर विचार के लिए बुलाई गई सरकार की सर्वदलीय बैठक में विपक्षी पार्टियों ने कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया और कहा कि इन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों पर संसद के दोनों सदनों में फिर से चर्चा करने की जरूरत है। गौरतलब है कि पिछले साल संसद के मॉनसून सत्र में इन कानूनों को संसद से पास कराया गया और राज्यसभा में इसे ध्वनि मत से पास कराने के तरीके पर जबरदस्त विवाद हुआ था।

बहरहाल, सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को हुई बैठक में राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद सहित तृणमूल कांग्रेस, अकाली दल, शिव सेना आदि के नेताओं ने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों से जुड़े सभी विवादित मसलों पर दोनों सदनों में चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों को दुश्मन न माने। हालांकि सरकार ने इस बारे में कोई भरोसा नहीं दिया पर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही सरकार को आंदोलन के बारे में चेतावनी दी थी। अब सरकार को इसके नतीजों से निपटना होगा। आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने किसानों के खिलाफ हो रही कार्रवाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि कुछ गलत लोगों ने किसानों के आंदोलन में घुसपैठ कर अराजकता पैदा की। किसान अपनी जगह वापस चले गए थे। अब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों की गलतफहमी दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।

बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि लगभग सभी पार्टियों ने वैक्सीनेशन अभियान की कामयाबी के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सरकार और किसानों के बीच हुई बातचीत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने किसानों को भरोसा दिया है कि वे उनसे सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं, बशर्ते कि वे सरकार का प्रस्ताव मान लें।

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