
लखनऊ। मद्रास हाई कोर्ट के बाद अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई है। राज्य में चल रहे पंचायत चुनावों में कोरोना दिशा-निर्देशों का पालन नहीं होने को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी मद्रास हाई कोर्ट की तर्ज पर कहा है कि क्यों नहीं चुनाव आयोग के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।
हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके पूछा है कि पंचायत चुनाव के दौरान सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया, जिसकी वजह से चुनाव ड्यूटी कर रहे 135 लोगों की मौत की खबर है। अदालत ने पूछा कि क्यों न आयोग के खिलाफ आपराधिक केस चलाया जाए। हाई कोर्ट ने बचे हुए चुनाव में सरकारी दिशा-निर्देश का पालन करने का निर्देश भी दिया है।
हाई कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के सरकारी तौर तरीकों पर भी नाराजगी जताई और कहा कि सरकार माई-वे या नो-वे का रास्ता छोड़े और लोगों के सुझावों पर भी अमल करे। नागरिकों को ऑक्सीजन न दे पाना शर्मनाक है। हाई कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना का भूत गली, सड़क पर दिन-रात मार्च कर रहा है। लोगों का जीवन भाग्य भरोसे है। डर से सड़कें, गलियां रेगिस्तान की तरह सुनसान पड़ी हैं। शहरी आबादी कोरोना की चपेट में है।
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने मंगलवार को कोरोना के मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तीखी टिप्पणी के साथ ही सबसे ज्यादा प्रभावित नौ शहरों के लिए कई सुझाव भी दिए। इन पर अमल करने को कहा है और साथ ही सचिव स्तर के अधिकारी के हलफनामे के साथ तीन मई तक रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है। अदालत ने कहा कि भारी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं और जीवन बचाने के लिए बेड की तलाश में अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं।
अदालत ने कहा कि ऑक्सीजन की मांग के मुताबिक सप्लाई नहीं हो रही। कई लोग नकली दवाएं बेचते पकड़े जा रहे हैं। सरकार के इतंजाम नाकाफी हैं। इस मामले में सरकार की तरफ से कहा गया कि संक्रमण को काबू करने के लिए हरसंभव उपाय किए गए हैं। गृह सचिव ने हलफनामा दाखिल कर अभी तक किए गए उपायों की जानकारी दी है।