नई दिल्ली। नागरिकता कानून में बदलाव के विरोध में दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में सोमवार को लगातार आठवें दिन भी प्रदर्शन हुए। बड़ी संख्या में लोगों ने विश्वविद्यालय से बाहर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के आसपास के इलाकों जैसे नूर नगर, बटला हाउस और ओखला के कई स्कूलों के छात्रों ने भी सोमवार को प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
जामिया के छात्रों ने संशोधित कानून को वापस लेने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर सवाल किया कि उनकी सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं की। छात्रों ने पूछा कि अगर सभी मुस्लिम, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यक बाहरी और अवैध प्रवासी हैं तो केंद्र सरकार कितने डिटेंशन सेंटर बनाएगी।
छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को पुलिस बल से अचानक से प्यार हो गया है। जामिया के एक छात्र ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा- जब एक महीने पहले अदालतों में पुलिस को पीटा गया था तब इस सरकार ने एक भी मामला दर्ज नहीं किया था। उन्होंने कहा- तब वे पुलिस से प्यार नहीं करते थे। अब जब पुलिस ने जामिया, एएमयू और अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रों को पीटा तो वे पुलिस को शहीद कह रहे हैं। छात्रों ने यह भी पूछा कि उत्तर प्रदेश में जान गंवाने वाले छात्रों और अन्य का क्या?
जामिया में आठवें दिन भी हुआ प्रदर्शन
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