नई दिल्ली। लद्दाख में एक बार फिर भारत और चीन की सेनाओं के बीच लगातार दो दिन हुई झड़प के बाद थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे गुरुवार को लद्दाख के तीन दिन के दौरे पर पहुंचे। बताया गया कि लद्दाख क्षेत्र में सामरिक तैयारियों की समीक्षा के लिए सेना प्रमुख दो दिन के दौरे पर पहुंचे हैं। वे पैंगोंग झील के पास यथास्थिति बदलने के चीन के प्रयासों और भारतीय सैनिकों के साथ हुए टकराव का जायजा लेंगे।
इस बीच लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ है। पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाके में दोनों सेनाएं आमने सामने हैं। इस बीच तनाव घटाने के लिए दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों की बैठक हुई है। इस बैठक में भारत ने दो टूक अंदाज में चीन से कहा ह कि वे अपने सैनिकों के अग्रिम दस्ते को काबू में रखे। यह बैठक सोमवार से लगातार हो रही है। बुधवार को भी सात घंटे तक बातचीत हुई पर कोई नतीजा नहीं निकला। उधर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने 1962 के युद्ध की याद दिलाते हुए धमकी देने के अंदाज में कहा है कि चीन के सैनिकों से भारत अपनी रक्षा नहीं कर सकता है।
गौरतलब है कि 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात को चीन के सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित पहाड़ियों पर कब्जा जमाने की कोशिश की थी। भारतीय जवानों ने उनसे प्रयासों को नाकाम कर दिया था। इसके बाद एक सितंबर को भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, पीएलए के जवानों ने यथास्थिति बदलने का प्रयास किया। तब से इस इलाके में दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने हैं।