
नई दिल्ली। असम में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक हफ्ते बाद तक भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री का नाम नहीं तय कर पाई है। बाकी चार राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने शपथ ले ली है। शनिवार को भारतीय जनता के नेता दिन भर असम के मुख्यमंत्री का नाम तय करने में बिजी रहे। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हिमंता बिस्वा सरमा को पार्टी आलाकमान ने दिल्ली बुलाया था। दोनों नेताओं ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
दिन भर चले मुलाकातों के सिलसिले के बाद भी मुख्यमंत्री के नाम का सस्पेंस बना हुआ है। बताया जा रहा है कि रविवार को गुवाहाटी में विधायक दल के नेता का नाम तय करने के लिए पार्टी की बैठक होगी। उससे पहले शनिवार को असम के दोनों नेताओं, सोनोवाल और सरमा ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से इस मुद्दे पर लंबी चर्चा की। सोनोवाल और सरमा ने भाजपा के संगठन महासचिव बीएल संतोष से भी मुलाकात की।
हिमंता बिस्वा सरमा ने जेपी नड्डा के आवास से बाहर आने के बाद शनिवार को कहा- भाजपा विधायक दल की बैठक कल को गुवाहाटी में हो सकती है। इस बैठक में सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे। जानकार सूत्रों का कहना है कि सरमा इस बार मुख्यमंत्री बनने को लेकर पूरे भरोसे में हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा के ज्यादातर विधायक और साथ में सहयोगी असम गण परिषद और यूपीपीएल के विधायक भी उनके पक्ष में हैं।
दूसरी ओर भाजपा आलाकमान किसी किस्म की गुटबाजी की स्थिति से बचना चाहता है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की छवि साफ-सुथरी है और वे स्थानीय जनजाति में गहरी पैठ रखते हैं। दूसरी ओर हिमंता बिस्वा सरमा ने भाजपा को पूर्वोत्तर में पैर जमाने में बड़ी मदद की है। तभी पार्टी के कुछ नेता चाहते हैं कि उनको मुख्यमंत्री बनाया जाए क्योंकि वे संगठन को मजबूत करने की काबिलियत रखते हैं। बहरहाल, यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा और पार्टी के विधायकों को इसकी सूचना दे दी जाएगी।