कोलकाता। केंद्रीय चुनाव आयोग को चुनौती देना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भारी पड़ रहा है। चुनाव आयोग ने उनके बयानों को आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन बताते हुए उन्हें 24 घंटे तक प्रचार करने से रोक दिया है। धार्मिक आधार पर मतदाताओं को गोलबंद करने वाली उनकी एक टिप्पणी के लिए आयोग ने उन पर कार्रवाई की है। कार्रवाई की जानकारी मिलने के बाद ममता ने कहा कि वे मंगलवार को गांधी मूर्ति के आगे धरना देंगी। गौरतलब है कि ममता बनर्जी केंद्रीय सुरक्षा बलों और चुनाव आयोग पर लगातार तीखे हमले कर रही हैं।
बहरहाल, चुनाव आयोग ने एक धार्मिक समुदाय को लेकर दिए ममता के बयान के लिए उनको 24 घंटे तक प्रचार से रोक दिया है। आयोग ने सोमवार शाम को इसकी घोषणा की और सोमवार को रात आठ बजे से रोक शुरू हो गई, जो 13 अप्रैल की शाम आठ बजे तक जारी रहेगी। चुनाव आयोग के इस फैसले को ममता ने अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि इसके विरोध में वे मंगलवार दोपहर 12 बजे कोलकाता के गांधी मूर्ति के सामने धरने पर बैठेंगी।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। उनके भड़काऊ बयानों से कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। साथ ही इनसे चुनाव प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आयोग ने ममता बनर्जी को सख्त चेतावनी के साथ सलाह दी है कि आचार संहिता लागू रहने के दौरान वे सार्वजनिक तौर पर इस तरह के बयान न दें। गौरतलब है कि ममता ने एक समुदाय से वोट नहीं बंटने देने की अपील की थी।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 27 मार्च से शुरू हुए थे। यहां आठ चरण मतदान हो रहे हैं, जिनमें से चार चरण पूरे हो चुके हैं। बहरहाल, दमदम में सोमवार को एक रैली में ममता ने कहा- मैं चुनाव आयोग से हाथ जोड़ कर निवेदन करती हूं कि सिर्फ भाजपा की न सुनें, सभी की सुनें। वह पक्षपाती न बने। इससे पहले रविवार को उन्होंने कहा था कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का नाम बदल कर मोदी कोड ऑफ कंडक्ट कर देना चाहिए। इससे पहले चुनाव आयोग ने उन्हें जब नोटिस भेजा था तो उन्होंने कहा था कि आयोग 10 नोटिस भेजे, उन्हें इसकी परवाह नहीं है।
ममता के प्रचार पर 24 घंटे की रोक
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