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बिहार के शिक्षा मंत्री का इस्तीफा

ByNI Desk,
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बिहार के शिक्षा मंत्री का इस्तीफा
पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने मंत्री बनने के तीन बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद चौधरी को मंत्री बनाए जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चौधरी को शपथ ग्रहण के एक दिन बाद मंगलवार को प्रभार आवंटित किया गया था। उन्होंने अपराह्न एक बजे प्रभार संभालने के तत्काल बाद अपना इस्तीफा भेज दिया। चौधरी मुख्यमंत्री कुमार के नेतृत्व वाले जदयू के सदस्य हैं। वह बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर में शिक्षकों और तकनीशियनों की नियुक्ति में कथित अनियमितता के पांच वर्ष पुराने एक मामले में आरोपी हैं। वह इस विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं। राज्य में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट से निर्वाचित हुए चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अपना इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल फागू चौहान ने मुख्यमंत्री कुमार की सलाह पर यह निर्णय लिया है कि शिक्षा विभाग के मंत्री मेवा लाल चौधरी तात्कालिक प्रभाव से बिहार राज्य के मंत्री तथा मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं रहेंगे।राजभवन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सलाह पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी को अगले आदेश तक शिक्षा विभाग का अतिरिक्त कार्य भी आवंटित कर दिया है।चौधरी के इस्तीफा देने के तुरंत बाद, राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने मंत्रिमंडल में "भ्रष्ट" व्यक्ति को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, "जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरियां, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे।" राजद नेता ने 69 वर्षीय मुख्यमंत्री कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया, थू-थू के बावजूद पद्भार ग्रहण कराया, घंटे बाद इस्तीफ़े का नाटक रचाया। असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?"
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