नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बिहार और उत्तर प्रदेश के तीन ईंट भट्टों के कम से कम 187 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराने एवं उनके पुनर्वास के मामले में याचिकाकर्ता को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) जाने का आज निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता जाहिद हुसैन की याचिका का निपटारा करते हुए उन्हें एनएचआरसी जाने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा कि एनएचआरसी देश भर में बंधुआ मजदूरों के संरक्षण और पुनर्वास के लिए विशिष्ट दिशानिर्देश जारी कर सकता है। न्यायालय ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता को आयोग से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें फिर से याचिका दायर करने की छूट होगी। खंडपीठ ने बिहार सरकार से कहा कि उसे पता है कि राज्य सरकार का ध्यान इस समय प्रवासी मजदूरों को लेकर है, लेकिन बंधुआ मजदूरों को भी न्यूनतम वेतन मिले, इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता का कहना था कि एनएचआरसी के 11 मई के आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश के संभल और बिहार के रोहतास में ईंट भट्टों में काम करने वाले 187 बंधुआ मजदूरों की मदद के लिए प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इन मजदूरों से कड़ी धूप में कठोर परिश्रम कराया जाता है। इनके साथ अमानवीय तरीके से व्यवहार किया जाता है। इन्हें दिन में एक बार भोजन दिया जाता है। इन बंधुआ मजदूरों में गर्भवती महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं।
बंधुआ मजदूर मामला : याचिकाकर्ता को आयोग जाने का निर्देश
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