नई दिल्ली। कांग्रेस और एक दर्जन दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेताओं की राष्ट्रपति से हुई मुलाकात के एक दिन बाद बहुजन समाज पार्टी के नेता अलग से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और संशोधित नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की। बसपा सांसदों ने संशोधित नागरिकता क़ानून को विभाजनकारी बताते हुए बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इसे वापस लेने और इसका विरोध करने वालों के खिलाफ कथित पुलिस कार्रवाई की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
राज्यसभा में बसपा संसदीय दल के नेता सतीश मिश्रा और लोकसभा में पार्टी के नेता दानिश अली की अगुवाई में पार्टी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। मुलाक़ात के बाद दानिश अली ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा में बसपा के 13 सांसदों के दस्तखत वाला ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंप कर यह मांग की गई है। उन्होंने कहा- हमने राष्ट्रपति को बताया कि पार्टी अध्यक्ष मायावती ने नागरिकता कानून संबंधी विधेयक संसद में पेश किए जाने से पहले ही इसे देश के लिए विभाजनकारी बताते हुए आगाह किया था। उन्होंने कहा था कि इसे जनता स्वीकार नहीं करेगी।
दानिश अली ने कहा- इस क़ानून को लेकर आज देश भर में आंदोलनों के कारण उपजे हालात ने हमारी नेता की आशंका को सही साबित किया है। बसपा ने राष्ट्रपति से दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के नदवा कॉलेज सहित देश के अन्य इलाक़ों में इस कानून के विरोध में किए गए आंदोलन के दौरान पुलिस की कथित कार्रवाई की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग भी की।