मुजफ्फरनगर/गुना/समस्तीपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच पैदल या किसी तरह से कोई साधन जुटा कर अपने घर लौट रहे प्रवासियों के सड़कों पर मरने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को तीन राज्यों में अलग अलग घटनाओं में 16 मजदूर मारे गए। इससे पहले पिछले एक महीने में सड़कों पर कुचल कर या ट्रेन के नीचे आकर मरने वाले मजदूरों की संख्या चार सौ से ज्यादा हो गई है।
बहरहाल, गुरुवार को मध्य प्रदेश में गुना के पास एक खाली बस और कंटेनर ट्रक की टक्कर हो गई, जिसमें ट्रक में सवार आठ प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई। करीब 55 लोग घायल भी हुए हैं। ये प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के कारण ट्रक में सवार होकर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे थे। जिले के एसपी तरुण नायक ने बताया कि महाराष्ट्र से करीब 65 मजदूर एक ट्रक में सवार होकर उत्तर प्रदेश के लिए निकले थे। रात करीब तीन बजे गुना बाइपास पर गलत दिशा से आ रही एक खाली बस और ट्रक की टक्कर हो गई। इस हादसे में मौके पर ही आठ लोगों की मौत हो गई और 55 लोग घायल हो गये। उन्होंने बताया कि घायलों का गुना के अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
दूसरी घटना उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की है। वहां बुधवार को आधी रात के करीब रोडवेज की एक बस ने सड़क पर पैदल जा रहे मजदूरों को कुचल दिया, जिससे छह मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चार लोग घायल हो गए। इनमें से दो घायलों को इलाज के लिए मेरठ भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि दस मजदूर पंजाब से बिहार जा रहे थे। मुजफ्फरनगर-सहारनपुर स्टेट हाईवे पर घलौली चैकपोस्ट से आगे रोहाना टोल प्लाजा के पास थोड़ी देर पहले ही उन लोगों ने खाना खाया था और उसके बाद आगे बढ़े थे। मारे गए सभी मजदूर बिहार के गोपालगंज के रहने वाले थे।
उधर बिहार के समस्तीपुर के पास बुधवार को देर रात में प्रवासी मजदूरों की बस ट्रक से टकरा गई। इस दुर्घटना में दो लोग मारे गए और 18 जख्मी हो गए। बस मुजफ्फरपुर से कटिहार जा रही थी। बस में 32 मजदूर सवार थे।