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सीएए पर पीछे नहीं हटेंगे: मोदी

ByNI Desk,
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सीएए पर पीछे नहीं हटेंगे: मोदी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि संशोधित नागरिकता कानून पर सरकार पीछे नहीं हटने जा रही है। उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा है कि यह देश के लिए जरूरी था और इसलिए यह फैसला किया गया। वे पहले भी कह चुके हैं कि सरकार इस मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं कि नागरिकता कानून पर सरकार एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी में एक सभा में संशोधित नागरिकता कानून, सीएए और कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का बचाव किया। गौरतलब है कि देश भर में इस समय सीएए के विरोध में धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं। पर इन तमाम दबावों के बावजूद प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार फैसले पर अडिग है। उन्होंने कहा- चाहे अनुच्छेद 370 पर फैसला हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून पर फैसला हो, यह देश हित में जरूरी था। दबाव के बावजूद हम अपने फैसले के साथ खड़े हैं और इसके साथ बने रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान दो ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने के लिए चलाई जाने वाली ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत भी की। उन्होंने वाराणसी कैंट स्टेशन पर वीडियो लिंक के जरिए वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली इस गाड़ी को हरी झंडी दिखाई। इससे पहले उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल का लोकार्पण और उनकी 63 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर ही मोदी ने कहा कि सरकार अनुच्छेद 370 हटाए जाने और सीएए के फैसले पर हमेशा कायम रहेगी। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाया गया न्यास तेजी से काम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करते हुए कहा- भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम पर है और देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि प्रत्येक नागरिक के संस्कार से बनता है। उन्होंने कहा- एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नए भारत की दिशा तय करेगा। अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी के दिन के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने जंगमबाड़ी मठ में आयोजित श्री जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन में हिस्सा लिया और कहा कि भारत में राष्ट्र का मतलब कभी भी जीत हार नहीं रहा। उन्होंने कहा- हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं, बल्कि संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है। यह निवासियों के सामर्थ्य से बना है। उन्होंने इस मौके पर श्री सिद्धांत शिखमणी ग्रंथ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लीकेशन का विमोचन भी किया।
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